वन्यजीव संरक्षण सप्ताह : वानिकी के छात्रों और शोधार्थियों ने किया चीचा वेटलैण्ड का भ्रमण समझा पक्षियों का व्यवहार…

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वनमंडल दुर्ग द्वारा किया गया आयोजन

भिलाई। वन्यजीव सप्ताह भारत में प्रतिवर्ष 2 से 8 अक्टूबर तक मनाया जाता है। इस सप्ताह के माध्यम से वन्य जीवों और उनके आवासों के संरक्षण के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता बढ़ाया जाता है। यह सप्ताह महात्मा गांधी की जयंती से शुरू होकर विश्व पशु दिवस पर समाप्त होता है।

दुर्ग वनमंडल द्वारा चीचा वेटलैण्ड पाटन में वन्यजीव सप्ताह के अंतर्गत आयोजन किया गया ।आयोजन में ग्राम चीचा के जैवविविधता समिति के सदस्यों और महात्मा गांधी वानिकी एवम उद्यानिकी महाविद्यालय सांकरा के वानिकी के छात्रों और शोधार्थियों ने हिस्सा लिया।

कार्यक्रम में दुर्ग वनमंडल अधिकारी(डिएफओ) दीपेश कपिल ने जीवों के प्रति हमारी जिम्मेदारी को समझने और उनके संरक्षण में अपना योगदान देने पर महत्व पर प्रकाश डाला। वन्य जीव सप्ताह के तहत होने वाले आयोजन आमजन को वन्य जीवों के महत्व और इकोसिस्टम में उनके महत्व को समझाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित रखने में वन जीवों का विशेष महत्व होता है। वन्य जीवों का संरक्षण हमारे पारिस्थितिकी तंत्र के लिए अत्यंत आवश्यक है। वन्य जीवों का संरक्षण जैव विविधता को बनाए रखने में मदद करता है और हमारे पर्यावरण को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने में सहायक सिद्ध होता है।

इस अवसर पर पक्षी विशेषज्ञ राजू वर्मा ने बच्चों को पक्षियों को पहचानने के सम्बंध में जानकारी दी और इकोसिस्टम में वेटलैण्ड के महत्व को समझाया।उन्होंने बताया कि चीचा वेटलैण्ड में 120 से ज्यादा प्रजाति के पक्षी देखे जा सकते हैं जिनमे से कुछ प्रवासी पक्षी भी होते हैं।

इस अवसर पर विद्यार्थियों को बड़ वाचिंग कराई गई और लगभग 20 प्रजाति के परिन्दों के बारे में जैसे उनका घोसला उनका रहवास उनका व्यवहार आदि की जानकारी दी गई।
पक्षियों के घोंसले के बारे में भी बताया कि क्यों वे इस जगह पर घोसले बनाते हैं औए कब तक ये घोसले छोड़ देते हैं..
पक्षियों की सुरक्षा और वेटलैण्ड की साफ सफाई के लिए जैवप्रबंधन समिति चीचा की सराहना की गई।

इस अवसर पर चीचा सरपंच प्रतिनिधि पंकज चन्द्राकर एसडीओ ढानेश साहू रेंजर कुलदीप पहला शाहिद खान बिट गार्ड विनय साहू सहित उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय, सांकरा के डॉ. हरिश्चंद्र दर्रो एवं पीएचडी की छात्र रोशनी प्रधान सहित छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

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