भिलाई। साईं झूलेलाल धाम, 32 एकड़, हाउसिंग बोर्ड, औद्योगिक क्षेत्र भिलाई में सिंधी समाज की महिलाओं ने पारंपरिक श्रद्धा और उत्साह के साथ ट्रीजड़ी (तीजा) पर्व मनाया। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी महिलाओं ने ट्रीजड़ी माता का व्रत रखा और धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत समाज की संगठन सचिव कमला भगत द्वारा ट्रीजड़ी माता की स्थापना से हुई। काले तिल, हरे मूंग और जव से माता की स्थापना कर उन्होंने उपस्थित महिलाओं को इन प्रतीकों का महत्व बताया। काला तिल ट्रीजड़ी माता का प्रतीक है, हरा मूंग हरियाली का और जव दीर्घायु एवं उन्नति का प्रतीक माना जाता है।

इसके पश्चात माता को झूले में विराजित किया गया। समाज की महिलाओं ने बारी-बारी से मंदिर में आकर मंत्रोच्चार के साथ मीठा जल चढ़ाया और झूला झुलाया। पूरे दिन व्रत रखकर महिलाओं ने अपने पति की दीर्घायु एवं सुख-समृद्धि की कामना की।
संध्याकाल में ट्रीजड़ी माता को झूले से उतारकर भक्तों के बीच में स्थापित किया गया और पर्व से जुड़ी पौराणिक कथा सुनाई गई। कथा के अनुसार, एक महिला ने व्रत रखा था, लेकिन उसके भाई ने नकली चाँद दिखाकर उसका व्रत तुड़वा दिया जिससे उसके पति की मृत्यु हो गई। महिला ने एक वर्ष तक पति के शव की सेवा की और अगले वर्ष विधिपूर्वक व्रत रखकर चंद्रमा को अर्ध्य दिया। अर्ध्य का जल पति के मुख में डालने पर वह जीवित हो गया। तभी से सिंधी समाज की महिलाएं इस व्रत को आस्था और परंपरा के साथ करती हैं।

इस आयोजन में साईं झूलेलाल धाम महिला मंडली की सभी सदस्यों की विशेष भागीदारी रही।