कूटरचना के आरोप के आधार पर बीईओ दुर्ग का निलंबन निराधार,आरोप निराधार होने पर पुनः बी ई ओ दुर्ग पद पर पदस्थापना की शिक्षकों ने की मांग

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युक्तियुक्तकरण के तहत अतिशेष शिक्षक के रूप में कुमुदिनी साव का चिन्हांकन किया गया था। लेकिन पत्नी कुमुदिनी साव को अतिशेष से बचाने कूटरचना का आरोप लगाकर तत्कालीन बीईओ दुर्ग गोविंद साव को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया था। दुर्ग संभाग के आयुक्त सत्यनारायण राठौर ने कलेक्टर दुर्ग के प्रतिवेदन के आधार पर विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी दुर्ग गोविंद साव को शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण अंतर्गत अपनी पत्नी को अतिशेष से मुक्त रखने परिशिष्ट-02 में तैयार की गई जानकारी को कर्त्तव्य निर्वहन में गंभीर लापरवाही एवं कदाचार बरतने के आरोप में छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकृत, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 (1) (क) के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। यह आदेश 2 जून को जारी हुआ था।दुर्ग के बीईओ गोविंद साव के निलंबन का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। अपनी धर्मपत्नी को अतिशेष से बचाने का आरोप निराधार और पूरी तरह पलटते नजर आ रहा है। उनकी धर्मपत्नी शासन के युक्तियुक्तकरण गाइडलाइन के तहत् अतिशेष के दायरे में नहीं है जबकि उन्हें अतिशेष के दायरे में रखा गया था। उनकी धर्मपत्नी कुमुदिनी साव ने न्यायालय की शरण लेते हुए अपना पक्ष रखा। जिला स्तर की समिति द्वारा समक्ष सुनवाई की गई। सुनवाई पश्चात कुमुदिनी साव का अभ्यावेदन मान्य कर उन्हें पुरानी जगह सेक्टर 9 भिलाई स्कूल में ही सेवाएं देने का आदेश प्रसारित किया गया। जिस आधार पर गोविंद साव को निलंबित किया गया है। वह आधार फिलहाल निराधार सा प्रतीत दिखाई पड़ रहा है। और शिक्षकों द्वारा पुनः उन्हें विकासखंड शिक्षा अधिकारी दुर्ग के पद पर लाने की मांग जोर पकड़ती जा रही है।

शिक्षिका कुमुदिनी साव द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन की समक्ष साक्ष्यों के साथ 2 जुलाई को जिला स्तरीय समिति द्वारा सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता ने उल्लेख किया है कि शासन के नियमानुसार विषय चक्रानुक्रम में हिन्दी का शिक्षक अतिशेष नहीं होना चाहिए, याचिकाकर्ता की गणना हिन्दी शिक्षक के रूप में उसी विद्यालय में होना चाहिए, क्योंकि विद्यालय में गणित विषय का कोई शिक्षक नहीं था। संबंधित के युक्तियुक्तकरण के पूर्व पदस्थ विद्यालय शा.पू.मा.वि. सेक्टर 9 में दर्ज संख्या 84 के मान से कुल 4 शिक्षकों की आवश्यकता थी। संस्था में कुल 6 शिक्षक कार्यरत थे। अतः 2 शिक्षकों को अतिशेष की गणना में शामिल किया गया है। विषय हेतु निर्धारित चक्रानुक्रम अनुसार की गई गणना में प्र.पा. का विषय कला एवं अन्य पदस्थ शिक्षक का विषय अंग्रेजी, गणित एवं विज्ञान को गणना में लिया गया है। कला में 3 शिक्षक पदस्थ होने के कारण कला से 2 कनिष्ठ शिक्षक को अतिशेष की सूची में विकासखण्ड स्तरीय समिति द्वारा सम्मिलित किया गया। जिसमें याचिकाकर्ता का नाम सम्मिलित है।
जिला स्तरीय समिति द्वारा संस्था में पदस्थ प्र.पा. एवं समस्त शिक्षकों के नियुक्ति/पदोन्नति आदेश एवं स्नातक के अंकसूची का परीक्षण किया गया। याचिकाकर्ता श्रीमती कुमुदनी साव.उ.व.शि. के पदोन्नति आदेश का अवलोकन में पाया गया कि कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी दुर्ग का संशोधन आदेश क्रमांक/स्था. 03/उ.व.शि. पद/2010/5825 दुर्ग. दिनांक 20.08.2011 द्वारा पदोन्नति हिन्दी/संस्कृत विषय में हुई है। समिति द्वारा पाया गया कि चक्रानुक्रम अनुसार गणना में प्र.पा का विषय कला एवं अन्य पदस्थ शिक्षक का विषय अंग्रेजी, विज्ञान एवं हिन्दी गणना करने पर कला विषय से 2 कनिष्ठ शिक्षक अतिशेष की गणना में शामिल होंगे एवं याचिकाकर्ता अतिशेष से मुक्त होंगी।

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