महाआरती, बहिराणे साहिब विसर्जन और वैश्विक कल्याण की प्रार्थना के साथ हुआ समापन समारोह
भिलाई : हाउसिंग बोर्ड भिलाई स्थित साईं झूलेलाल धाम में पहली बार आदर्श सिंध ब्रादर मंडल एवं साईं झूलेलाल धाम महिला मंडली के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित चालीहा महोत्सव का भव्य समापन आज अत्यंत श्रद्धा, उल्लास और भक्ति भाव के साथ किया गया। यह महोत्सव दिनांक 8 जुलाई से 17 अगस्त 2025 तक लगातार 40 दिनों तक धूमधाम से मनाया गया।
इस धार्मिक आयोजन का उद्देश्य समाज में एकता, स्वास्थ्य, सद्भाव और विश्व कल्याण के लिए सामूहिक साधना और आराधना करना था। कार्यक्रम का समापन दिवस भी उतनी ही भव्यता के साथ मनाया गया, जितनी श्रद्धा के साथ इसका शुभारंभ हुआ था।
पौराणिक परंपरा अनुसार बहिराणे साहिब की स्थापना

समापन दिवस पर प्रातः 9 बजे पारंपरिक विधि से बहिराणे साहिब की स्थापना की गई। इसे विशेष रूप से आटे में घी मिलाकर गूंथा गया, जिसमें लौंग, इलायची से श्रृंगार कर ऊपर मिश्री सजाई गई थी। मान्यता है कि जल देवता वरुण की प्रतीक रूप में यह स्थापना की जाती है, जिसे तालाब में विसर्जित करने पर मछलियां इसे भोजन के रूप में ग्रहण करती हैं और जल जीवन की रक्षा होती है।
सांस्कृतिक और आध्यात्मिक गतिविधियाँ
कार्यक्रम का आरंभ साईं झूलेलाल जी की आरती, पल्लव गायन और अखो के साथ हुआ। भक्ति रस में डूबे श्रद्धालुओं ने झूलेलाल जी के भजनों एवं नामधुन का आनंद लिया। इसके पश्चात विश्व आरोग्य और वैश्विक कल्याण की प्रार्थना की गई।
समाज की एकजुटता की शपथ
समाज के अध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र कृष्णानी ने इस अवसर पर सभी उपस्थित श्रद्धालुओं को समाज में एकजुट रहने और सेवा कार्यों में भाग लेने की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि यह महोत्सव समाज की एकता और परंपराओं के संरक्षण का प्रतीक बन गया है।
संध्याकालीन महाआरती एवं विसर्जन

संध्याकालीन कार्यक्रम में विशेष महाआरती का आयोजन किया गया, जिसमें प्रत्येक परिवार ने अपने-अपने घरों से सजी हुई थालियों के साथ भाग लिया। आरती, पल्लव और अरदास के उपरांत बहिराणे साहिब का विसर्जन बैकुंठ धाम तालाब में विधिपूर्वक किया गया।
विसर्जन के पश्चात स्थानीय श्रद्धालुओं को कड़ाह प्रसाद एवं सेसा का वितरण किया गया, जिससे भक्तों में विशेष उत्साह और प्रसन्नता देखने को मिली।
समाज के गणमान्य जनों की गरिमामयी उपस्थिति
इस अवसर पर समाज के अनेक गणमान्य जन उपस्थित थे जिनमें प्रमुख रूप से:
डॉ. धर्मेंद्र कृष्णानी (अध्यक्ष), सुभाष भगत (उपाध्यक्ष), सुरेश जीवनानी, सुरेश नागदेव (अध्यक्ष, भारतीय सिंधु सभा भिलाई), अनिल थारवानी (महासचिव), प्रकाश थारवानी (कार्यकारिणी सदस्य), लक्ष्मी नागदेव, वंदना कृष्णानी, लता गंगवानी, अंजली कृष्णानी, माया रोहरा, अलका थारवानी, सुमन थारवानी, निकिता लालवानी, हर्षा नागदेव, लता मेहरचंदानी, निर्मला कृष्णानी, पूजा आसनानी, पिंकी थारानी, श्रेया थारवानी, माया थारानी, कमला भगत एवं कविता डिंगा सहित अनेक सदस्यगण उपस्थित रहे ।
यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक रहा, बल्कि सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की दिशा में एक प्रेरणास्रोत बनकर उभरा। भिलाई शहर में इस प्रकार का महोत्सव पहली बार इतने व्यापक स्तर पर आयोजित किया गया, जिसने पूरे सिंधी समाज को एक सूत्र में पिरो दिया।