कौशल श्रीवास अपनी बाइक, मोबाइल एक जूता शिवनाथ नदी पुल पर छोड़कर लापता हो गया।
रायपुर। जांजगीर-चांपा जिला के पामगढ़ क्षेत्र के कमरीद गांव में उस वक्त हड़कंप मच गया जब तनौद गांव का युवक कौशल श्रीवास अपनी बाइक, मोबाइल और एक जूता शिवनाथ नदी के पुल पर छोड़कर अचानक लापता हो गया। परिजन और स्थानीय लोग सदमे में थे, वहीं प्रशासन ने नदी में गिरने की आशंका पर चार दिन तक रेस्क्यू अभियान चलाया।
एसडीआरएफ और डीडीआरएफ की टीम दिन-रात शिवनाथ नदी में युवक की तलाश में जुटी रही, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। वहीं दूसरी ओर, युवक मजे से दिल्ली की सैर कर रहा था। वह चुपचाप ट्रेन से दिल्ली चला गया था और जब वापस लौटा, तो पुलिस ने उसे बिलासपुर रेलवे स्टेशन से धर दबोचा।
पुलिस ने युवक को पामगढ़ थाना लाकर पूछताछ शुरू कर दी है। परिजन जहां चार दिन से चिंता में बेहाल थे, वहीं प्रशासनिक अमले ने संसाधनों और समय की भारी बर्बादी झेली। अब सवाल यह उठ रहा है कि युवक ने ऐसा कदम क्यों उठाया। इस घटना ने सभी को चौंका दिया।
अपडेटड खबर :
बीमा की रकम से पिता का कर्ज चुकाने के लिए युवक ने रची खुद की मौत की साजिश
रायपुर। जांजगीर-चांपा जिला के अंतर्गत तनौद गांव के 21 वर्षीय युवक कौशल श्रीवास ने अपने पिता का कर्ज चुकाने के लिए चौंकाने वाली योजना बनाई। उसने खुद को गुमशुदा और नदी में बह गया दिखाकर ₹40 लाख के बीमे की रकम प्राप्त करने की साजिश रची, लेकिन साइबर टीम और पामगढ़ पुलिस की सतर्कता ने उसकी कहानी का पर्दाफाश कर दिया। 19 अगस्त की शाम कौशल घर से बाइक और अपनी मां का मोबाइल लेकर निकला और देर रात तक नहीं लौटा। परिजनों को सूचना मिली कि शिवनाथ नदी के पुल पर उसकी बाइक, मोबाइल और जूता मिला है। परिजन ने अप्रिय घटना की आशंका में पुलिस को सूचित किया। इसके बाद एसडीआरएफ और पुलिस ने चार दिन तक नदी में तलाश की। साइबर टीम को जांच में पता चला कि कौशल ने 20 अगस्त को इंस्टाग्राम पर एक दोस्त को खुद के सुरक्षित होने की जानकारी दी थी। 23 अगस्त को वह बिलासपुर रेलवे स्टेशन में राहगीर के फोन से अपने भाई को कॉल करता है, जिससे लोकेशन का पता चलता है। मुखबिर की सूचना पर तोरवा (बिलासपुर) से कौशल को सकुशल बरामद किया गया। पूछताछ में युवक ने स्वीकारा कि वह पिता के लाखों के कर्ज से परेशान था और बीमे की राशि से उसे चुकाने की मंशा से यह झूठी कहानी गढ़ी। पुलिस अब कौशल के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की तैयारी में है।
पुलिस अधीक्षक विजय पांडेय के निर्देशन में सायबर सेल और पामगढ़ पुलिस की सक्रियता से यह मामला सुलझ सका।