प्राकृतिक उपचार एवं आहार शिविर का छह दिवसीय आयोजन संपन्न सेक्टर-6 में

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ड्रग रहित थेरेपी को जीवन शैली का हिस्सा बनाना जरूरी: शर्मा

भिलाई। इस्पात नगरी भिलाई में गायत्री परिवार की ओर से प्राकृतिक उपचार एवं आहार शिविर का आयोजन सेक्टर-6 स्थित माहेश्वरी भवन में किया गया। जिसमें शिविरार्थियों ने पूरे छह दिन तक रह कर प्राकृतिक उपचार एवं आहार के माध्यम से निरोगी काया प्राप्त करने की दिशा में प्रयास किया। 

समापन समारोह में शिविरार्थियों को संबोधित करते हुए गायत्री शक्तिपीठ के प्रमुख प्रबंध ट्रस्टी वासुदेव शर्मा ने कहा कि अखिल विश्व गायत्री परिवार के सप्त सूत्रीय कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य संवर्धन हम सभी के लिए महत्वपूर्ण हैं और यह उपचार दैवीय चिकित्सा है। उन्होंने कहा कि आज की बदली हुई जीवन शैली में ड्रग रहित थेरेपी का हमारी दिनचर्या में शामिल होना आवश्यक हो गया है।


शिविर में आंवलखेड़ा (आगरा) से आए विशेषज्ञ जितेंद्र सिंह प्रज्ञेय ने शिविरार्थियों को पंच तत्वों से चिकित्सा उपचार देते हुए कहा कि पंच महाभूत से बने शरीर को स्वस्थ रखने पांच तत्वों की चिकित्सा करना अनिवार्य हो गया है। यह जीवेत शरद:शतम (आप सौ वर्षों तक जिएं) के वैदिक उदघोष की चिकित्सा है। योगाचार्य डॉक्टर अमित गुरवेंद्र ने सभी शिविरार्थियों को एक्यूप्रेशर,एक्यूपंचर तथा कर्ण भेदन चिकित्सा पद्धति के माध्यम से उपचार कर कहा कि ड्रगलेस थेरेपी के उपचार से हम सभी स्वस्थ रह सकते हैं। इस दौरान शिविरार्थियों ने भी अपने अनुभव बताए।

आभार व्यक्त करते हुए समन्वयक राजन तुमाने ने बताया कि शिविर संपन्न कराने में छत्तीसगढ़ के समाज सेवी उमेश चितलांग्या एवं रामकृष्ण मूंदड़ा का विशिष्ट योगदान रहा। उन्होंने बताया कि दुर्ग-भिलाई के जागरुक लोगों के आवाहन पर आने वाले दिनों में गायत्री शक्तिपीठ भिलाई में फिर से यह शिविर आयोजित करेगा। इस अवसर पर महेंद्र सेक्सरिया, कैलाश अग्रवाल, दीपक तुमाने, दिलीप सेक्सरिया, प्रमोद नामदेव, पन्नालाल मालवीय, डॉक्टर बी के गर्ग और नंदू सहित अनेक लोग उपस्थित थे।

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