सिन्धी समाज ने भिलाई में पारंपरिक श्रद्धा से मनाया महालक्ष्मी पर्व

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झूलेलाल धाम 32 एकड़ हाउसिंग बोर्ड में हुआ आयोजन

कथा सुनकर मनाया पर्व, भोग लगाकर की वैश्विक कल्याण की प्रार्थना

भिलाई। पितृ पक्ष की अष्टमी तिथि को सिंधी समाज द्वारा पारंपरिक महालक्ष्मी पर्व श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया गया। यह आयोजन झूलेलाल धाम, 32 एकड़ हाउसिंग बोर्ड, भिलाई में हुआ, जिसमें समाज के सभी वर्गों की भागीदारी रही।

इस पावन अवसर पर समाज की महिलाओं ने अपने घरों में राधाष्टमी के दिन बांधे गए रक्षासूत्र (सगड़े) को खोलकर, सोरी (मीठे पकवान) में बांधकर, परिवार के प्रत्येक सदस्य की संख्या के अनुसार दिये सजाकर आरती की थाली तैयार की और झूलेलाल धाम पहुँचीं। इसके साथ ही सेवईं एवं अन्य मीठे पकवान बनाकर माता महालक्ष्मी को भोग अर्पित किया गया।

रात्रि 7:00 बजे से 8:30 बजे तक महालक्ष्मी माता की पौराणिक कथा का श्रवण किया गया, जिसे कथावाचक कमला भगत ने प्रस्तुत किया। कथा के माध्यम से बताया गया कि कैसे उज्जैन के न्यायकारी राजा के जीवन में एक रक्षासूत्र (सगड़ा) के माध्यम से आए घटनाक्रम ने जीवन की सच्चाई और भक्ति का महत्व दर्शाया।

कथा में वर्णित है कि राजा को गोपियों द्वारा बांधा गया रक्षासूत्र उसकी रानी द्वारा अनादर किए जाने के कारण रानी को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। अंततः रानी महालक्ष्मी व्रत करके, सेवा भाव से जीवन जीती है और माता की कृपा प्राप्त कर फिर से सुख-समृद्धि हासिल करती है।

कथा के पश्चात सभी उपस्थित श्रद्धालुओं ने माता महालक्ष्मी को भोग अर्पित कर, उस प्रसाद को अपने घरों में वितरित किया। यह पर्व समाज में त्योहारों की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है और इसी दिन से पर्वों का क्रम आरंभ होता है।

इस अवसर पर आदर्श सिंध ब्रदर मंडल एवं साईं झूलेलाल धाम महिला मंडली की सक्रिय भागीदारी रही। समाज के अध्यक्ष धर्मेंद्र कृष्णानी एवं महिला मंडल अध्यक्ष लक्ष्मी नागदेव ने उपस्थित श्रद्धालुओं को पर्व की शुभकामनाएँ दीं और सभी की मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु माता महालक्ष्मी से प्रार्थना की।

पर्व के समापन पर वैश्विक आरोग्य और कल्याण के लिए भी प्रार्थना की गई।

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