पुस्तक विमोचन का गौरवपूर्ण क्षण – “Decoding the Gita Within You”

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लेखिका नेहा  की पुस्तक  का औपचारिक विमोचन सम्पन्न हुआ

मुक्त कंठ साहित्य सृजन मंच द्वारा आयोजित भव्य काव्य गोष्ठी में एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक क्षण देखने को मिला, जब लोकप्रिय लेखिका नेहा की पुस्तक “Decoding the Gita Within You” का औपचारिक विमोचन सम्पन्न हुआ।

इस शुभ अवसर पर पुस्तक का विमोचन मुख्य अतिथि श्रीमती डॉ. अर्चना झा (प्राचार्य, शंकराचार्य महाविद्यालय) तथा  डॉ. सुचित्रा शर्मा (विज़िटिंग प्रोफेसर) के कर-कमलों से सम्पन्न हुआ।
विमोचन के साथ ही यह पुस्तक उनके पिता तुल्य पापा  डॉ. हिमांशु राय वार्ष्णेय द्वारा निःशुल्क वितरित भी की गई। यह इस बात का प्रतीक है कि साहित्य का असली उद्देश्य केवल प्रसिद्धि या लाभ नहीं, बल्कि समाज सेवा और लोकहित है।

नेहा जी जैसी बहुएँ आज के समय में बहुत कम देखने को मिलती हैं, जो बच्चों का लालन-पालन करते हुए भी परिवार का मान-सम्मान बढ़ाती हैं और साहित्य साधना से समाज को नई दिशा देती हैं। उनकी लेखनी, साधना और जीवन मूल्य इस बात का प्रमाण हैं कि आधुनिक जीवन में भी भक्ति, कर्तव्य और रचनात्मकता एक साथ फलीभूत हो सकती है।

इस काव्य गोष्ठी में नेहा और उनके पापा  डॉ. हिमांशु राय वार्ष्णेय दोनों ही आदर्श उदाहरण बने, जहाँ साहित्य और संस्कार का सुंदर समन्वय देखने को मिला।

इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों ने नेहा की साहित्य साधना की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी पुस्तक आज की पीढ़ी को आध्यात्मिक मार्गदर्शन देने वाली प्रेरक रचना है।

अध्यक्ष  गोविंद पाल  तथा  नरेंद्र कुमार शिवकेवाल (पुलिस अधीक्षक, सी.आई.डी. एवं महासचिव, मुक्तकंठ साहित्य समिति) ने  नेहा वार्ष्णेय को इस नेक कार्य के लिए शॉल, नारियल और गुलदस्ता भेंट कर सम्मानित किया।

कार्यक्रम का संचालन शालू के कुशल नेतृत्व में हुआ।

नेहा  का मानना है कि भगवद्गीता से हम सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए और जीवन में आध्यात्मिकता तथा सकारात्मकता का संचार करना चाहिए।

जो लोग उनकी पुस्तक प्राप्त करना चाहते हैं, वे सीधे उनके संपर्क नंबर 7000884035 पर संपर्क कर सकते हैं।

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