सुप्रीम कोर्ट ने इस नियम को सख्ती से लागू करने का आदेश दिया है
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षकों के लिए एक अहम फैसला सुनाया है। अब सेवा में बने रहने और प्रमोशन पाने के लिए टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) पास करना जरूरी होगा।
किसे मिलेगी राहत?
जिन शिक्षकों की सेवानिवृत्ति में 5 साल या उससे कम समय बचा है, वे टीईटी पास किए बिना भी सेवा में बने रह सकते हैं, लेकिन उन्हें प्रमोशन नहीं मिलेगा।
जिनकी सेवा 5 साल से ज्यादा बची है, उन्हें अगले 2 वर्षों के भीतर टीईटी पास करना अनिवार्य होगा।
ऐसा नहीं करने पर या तो नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा,
या फिर अनिवार्य सेवानिवृत्ति लेकर टर्मिनल लाभ (Terminal Benefits) लेना होगा।
टीईटी को अनिवार्य बनाने पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर
वर्ष 2010 में राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE) ने कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाने के लिए न्यूनतम योग्यता तय की थी।
इसके तहत, टीईटी पास करना शिक्षक भर्ती के लिए अनिवार्य शर्त बना दी गई थी।
अब सुप्रीम कोर्ट ने इस नियम को सख्ती से लागू करने का आदेश दिया है।
अल्पसंख्यक संस्थानों पर क्या होगा?
कोर्ट ने यह भी विचार किया कि क्या अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों में पढ़ाने वाले शिक्षकों पर भी टीईटी लागू किया जा सकता है?
इस सवाल को अब सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच के पास भेजा गया है, जो यह तय करेगी कि अल्पसंख्यक अधिकारों पर इसका क्या असर होगा।