अब दुर्ग पहुंची ईडी, सीजीएमएससी घोटाला में जांच

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बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने दुर्ग जिले में स्थित मोक्षित कॉर्पोरेशन के कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीजीएमएससी) में हुए 650 करोड़ रुपये से अधिक के कथित घोटाले से जुड़ी बताई जा रही है।
ईडी सूत्रों के अनुसार, छापेमारी सुबह तड़के शुरू हुई और देर शाम तक चली। इस दौरान दो दर्जन से अधिक ईडी अधिकारी मौके पर मौजूद रहे, जिनके साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान भी भारी संख्या में तैनात किए गए थे। सुरक्षा की दृष्टि से पूरे परिसर को चारों तरफ से घेरकर बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर पूर्ण रोक लगा दी गई।
इस घोटाले की जांच ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा) और एसीबी (लोकायुक्त) द्वारा पहले भी की जा चुकी है। लगभग छह महीने पहले इन एजेंसियों ने संयुक्त कार्रवाई कर कई दस्तावेज जब्त किए थे। अब मोक्षित कॉर्पोरेशन का नाम सामने आने के बाद यह मामला ईडी के रडार पर आ गया है।
सूत्रों के अनुसार, मोक्षित कॉर्पोरेशन की भूमिका घोटाले में संदिग्ध मानी जा रही है। जांच एजेंसियों को संदेह है कि कंपनी को मेडिकल उपकरणों और दवाओं की आपूर्ति में अनुचित लाभ पहुंचाया गया। कई बिल और अनुबंध प्रक्रियाएं नियमों के विरुद्ध पाई गई हैं।
आधिकारिक पुष्टि का इंतजार
अब तक ईडी या ईओडब्ल्यू की ओर से इस छापेमारी पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। लेकिन सूत्रों के मुताबिक, छापेमारी के दौरान कई अहम दस्तावेज, डिजिटल डेटा और हार्ड डिस्क जब्त की गई हैं। यह भी संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में कई और कंपनियां और अधिकारी इस जांच के दायरे में आ सकते हैं। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड के तहत राज्यभर के सरकारी अस्पतालों को दवाएं, मशीनें और अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। जांच एजेंसियों के अनुसार, वर्ष 2021 से 2023 के बीच बड़ी संख्या में फर्जी खरीदारी, ओवरबिलिंग और टेंडर प्रक्रियाओं में अनियमितताओं के जरिए सैकड़ों करोड़ का घोटाला किया गया। इसमें कई कंपनियों ने सांठगांठ कर अनुचित तरीके से सरकारी धन का दुरुपयोग किया।

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