भिलाई। छत्तीसगढ़ के लिए यह गौरव का क्षण है, जब राज्य के शिक्षकों की 10 सदस्यीय टीम गुवाहाटी (असम) में सीसीआरटी प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने के साथ-साथ पूरे भारत के सामने छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति की अद्भुत प्रस्तुति दे रही है।
दुर्ग, बेमेतरा, बस्तर, कवर्धा, रायपुर, राजनांदगांव और धमतरी जिलों से चयनित पूर्व माध्यमिक एवं हाई स्कूल के शिक्षकों की यह टीम 24 जुलाई 2025 से 13 अगस्त 2025 तक चलने वाले इस प्रशिक्षण शिविर में भाग ले रही है। लेकिन प्रशिक्षण के साथ-साथ उन्होंने छत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति को भी एक सशक्त सांस्कृतिक संदेश के रूप में मंच पर प्रस्तुत किया। शिक्षकों ने गुवाहाटी स्थित सांस्कृतिक स्तोत्र एवं प्रशिक्षण केंद्र में देशभर से आए प्रतिभागियों और अधिकारियों के समक्ष लोकगीत, लोकनृत्य, और सांस्कृतिक धरोहर को जीवन्त रूप में प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के सुआ नृत्य, कर्म, पंथी, राऊत नाचा, साथ ही भरथरी और पंडवानी गायन ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। केवल प्रदर्शन ही नहीं, शिक्षकों ने राज्य का सांस्कृतिक, भौगोलिक और शैक्षणिक परिचय भी प्रस्तुत किया क्व जिसमें क्षेत्रफल, जनसंख्या वितरण, प्राकृतिक संसाधन, प्रमुख शिक्षण संस्थान, एवं महान व्यक्तित्वों की चर्चा प्रमुख रही।
इस उत्कृष्ट सांस्कृतिक योगदान और मंचीय प्रस्तुति के लिए टीम के शिक्षकों को पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया, जो उनके समर्पण और छत्तीसगढ़ की पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
