3 घंटे 28 मिनट तक रहेगा असर, ग्रहण के दौरान धार्मिक नियमों का पालन कर पुण्य लाभ प्राप्त किया जा सकता है
भिलाई : नई दिल्ली। 2025 का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण 7 सितंबर की रात भारत में दिखाई देगा। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से यह ग्रहण विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह शनि की राशि कुंभ में और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में घटित हो रहा है। इस खगोलीय घटना का प्रभाव न केवल धार्मिक गतिविधियों पर पड़ेगा, बल्कि कुछ राशियों के लिए आर्थिक दृष्टिकोण से यह समय चुनौतीपूर्ण भी हो सकता है।
कब और कितनी देर तक लगेगा चंद्र ग्रहण?
ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, यह चंद्र ग्रहण 7 सितंबर की रात 09:58 बजे शुरू होकर 8 सितंबर की रात 01:26 बजे तक चलेगा। यानी कुल अवधि 3 घंटे 28 मिनट की होगी। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण भारत में साफ तौर पर दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य होगा।
सूतक काल ग्रहण से 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है, अतः 7 सितंबर को दोपहर 12:57 बजे से ही सूतक काल प्रभावी हो जाएगा। इस दौरान धार्मिक कार्य, भोजन, पूजा-पाठ आदि वर्जित माने जाते हैं।
ग्रहण का ज्योतिषीय महत्व: कुंभ राशि में राहु और चंद्रमा की युति
इस बार का चंद्र ग्रहण इसलिए भी विशेष माना जा रहा है क्योंकि राहु और चंद्रमा दोनों ही इस दौरान कुंभ राशि में स्थित रहेंगे। चंद्र देव 6 सितंबर को सुबह 11:21 बजे कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे और 8 सितंबर को दोपहर 02:28 बजे तक वहीं रहेंगे। इसके साथ ही, 7 सितंबर की रात 09:40 बजे चंद्रमा गुरु के नक्षत्र पूर्वाभाद्रपद में प्रवेश करेगा, और 8 सितंबर की रात 08:02 बजे तक वहीं स्थित रहेगा।
इस विशेष युति के कारण ग्रहण का प्रभाव और भी गहरा हो सकता है, खासकर उन जातकों पर जिनकी कुंडली में चंद्रमा कमजोर स्थिति में हो।
तुला राशि वालों के लिए बन सकता है संकट का कारण ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, यह चंद्र ग्रहण तुला राशि के जातकों के लिए आर्थिक दृष्टिकोण से विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण सिद्ध हो सकता है। इस राशि के लोगों को 21 सितंबर तक अत्यधिक सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
संभावित प्रभाव:
धन हानि की प्रबल संभावना।
अनावश्यक खर्चों में वृद्धि।
अचानक कर्ज लेने की नौबत आ सकती है।
व्यापार में बाधाएं और घाटे की स्थिति बन सकती है।
बड़े निवेश से फिलहाल बचना उचित होगा।
परिवार का बजट बिगड़ सकता है।
आय के स्रोत कमजोर हो सकते हैं।
विशेषज्ञों की मानें तो इस अवधि में तुला राशि वालों को सोच-समझकर आर्थिक निर्णय लेने चाहिए, साथ ही अगले 15 दिनों तक बजट बनाकर चलना फायदेमंद रहेगा।
क्या करें और क्या न करें – ग्रहण काल के दौरान
करने योग्य कार्य:
मंत्र जाप, ध्यान और साधना।
धार्मिक पुस्तकों का पाठ।
दान-पुण्य करना।
वर्जित कार्य:
भोजन, खासकर सूतक काल के दौरान।
कोई भी शुभ कार्य (जैसे विवाह, मुहूर्त, गृह प्रवेश)।
मंदिरों में प्रवेश।
7 सितंबर 2025 को लगने वाला चंद्र ग्रहण जहां खगोलीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, वहीं ज्योतिषीय रूप से भी यह कई राशियों पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। तुला राशि वालों को इस दौरान विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए और आर्थिक मामलों में सोच-समझकर कदम उठाना चाहिए। ग्रहण के दौरान धार्मिक नियमों का पालन कर पुण्य लाभ प्राप्त किया जा सकता है।