फरीद नगर में हुए प्रशिक्षण सत्र में शामिल हुए अगले साल हज पर जाने वाले खुशकिस्मत

Editor
By Editor 2 Min Read

देख कर नहीं सीख कर अदा करें हज ,बताए सही तौर-तरीके

भिलाई। मुबारक हज के सफर पर जाने वालों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन ताज सामाजिक भवन फरीद नगर में किया गया।
इस दौरान उलेमा ने हज के फर्ज, वाजिबात, सुन्नत और नफील रूकन को कुरान-हदीस की रोशनी बताया, जिससे लोग सही तरीके से हज अदा करें।

अलग-अलग प्रशिक्षण सत्रों में नागपुर के मुफ्ती मौलाना नशिद ने बताया कि साहिबे हैसियत पर पूरी जिंदगी में एक बार हज करना फर्ज है। सही तौर तरीके सीख कर हज करने से बड़ा फायदा होगा क्योंकि लोगों को वहां किन जगहों पर क्या करना है और उसकी अदायगी का तरीका प्यारे नबी हज़रत मुहम्मद सल्लाहुअलैहिसल्लम ने क्या बताया है, उसकी जानकारी होनी चाहिए।
हज देखकर नहीं बल्कि सीखकर करना चाहिए जिससे फर्ज सही तरीके से अदा हो।

मास्टर मुहम्मद रउफ ने पैगम्बर हजरत मुहम्मद सल्ललाहु अलैहि वसल्लम के रोज़े पर हाजिरी सलाम और दरूद पेश करने, शहर मदीना में अदब और एहतेराम के साथ नमाज अदा करने व चलने पर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मस्जिद नबी में एक नमाज़ का सवाब 50 हजार नमाज़ के पढ़ने के बराबर है वहीं बैतुल्लाह मक्का मुकर्रमा में एक नमाज़ का सवाब एक लाख नमाज़ पढ़ने के बराबर है।
इस दौरान उलेमा और इंजीनियर मोहम्मद शाहिद ने हज पर जाने वालों से कहा कि इंसानियत का दर्द हमारे सीने में हो, हज़रत मुहम्मद सल्ललाहु अलैहि वसल्लम इंसानियत के रहबर ओर खैरख्वाह है उनकी तालीम को अपनाकर हर एक के लिए भलाई और एहसान की राह अपनाएं।
आलिमों ने यहां हज पर जाने वालों लोगों को हज की नियत, एहराम बांधने का तरीका व समय, तवाफ करना, हज से पहले उमरा करने के जरूरी मसाइल और वहां पर किए जाने वाले अरकान के अदा करने का तरीका बताया।

इस दौरान हाजी मीर हामिद अली, नसीर कुरैशी, हाफिज मतीन, मोबिन, प्यारे, सैय्यद असलम, जैद, हारून अंसारी, सैय्यद रिजवान, छोटे साहब, वसीम, निजामुद्दीन, बंगाली दादा और अदनान सहित अन्य लोग मौजूद थे।

Share This Article