बोलेरो और ट्रक की टक्कर में पांच लोगों की जान चली गई, जिनमें एक मासूम बच्ची भी शामिल है, और पांच अन्य गंभीर रूप से घायल हैं
रायपुर। रविवार शाम कवर्धा जिले के बोड़ला ब्लॉक स्थित चिल्फी थाना क्षेत्र में हुए भीषण सड़क हादसे ने पूरे छत्तीसगढ़ को झकझोर दिया। अकलघरिया गांव के पास बोलेरो और ट्रक की आमने-सामने टक्कर में पांच लोगों की जान चली गई, जिनमें एक मासूम बच्ची भी शामिल है, और पांच अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। मृतक सभी कोलकाता से आए शिक्षक और उनके परिजन थे, जो कान्हा केसली से लौटकर बिलासपुर से ट्रेन पकड़ने वाले थे।
ओवरटेक की एक छोटी सी लापरवाही ने खुशियों भरे एक परिवार को मातम में बदल दिया। बोलेरो के परखच्चे उड़ गए। चालक की मौके पर ही मौत हो गई, बाकी चार ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हादसा बेहद भीषण था ऐसा कि गाड़ी के अवशेष पहचानना मुश्किल था। घायलों को मलबे से निकालने में स्थानीय ग्रामीणों ने साहस दिखाया। पुलिस और डॉयल 112 की टीम ने मिलकर घायलों को बोड़ला अस्पताल पहुंचाया। गंभीर हालत में सभी को कवर्धा जिला अस्पताल रेफर किया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
सबसे चिंता की बात यह रही कि पांच शवों को सुरक्षित रखने के लिए जिले में पर्याप्त फ्रीजर की व्यवस्था ही नहीं थी। कोलकाता से परिजनों के आने तक शवों को रखने की अस्थायी व्यवस्था प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गई।
सवाल यह है कि –
ऐसे आपातकालीन हालात के लिए जिला तैयार क्यों नहीं?
सड़क सुरक्षा पर फिर सवाल
राष्ट्रीय राजमार्ग-30 पर यह कोई पहली घटना नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि तेज रफ्तार, ओवरटेकिंग और सुरक्षा संकेतकों की कमी के कारण इस मार्ग पर आए दिन हादसे होते हैं। यह हादसा सड़क पर बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, गति नियंत्रण और निगरानी की जरूरत को लेकर सवाल उठ रहे हैं।