बिना मान्यता वाले, निजी स्कूलों पर हाई कोर्ट सख्त

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रायपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने बिना मान्यता वाले निजी स्कूलों पर सख्त कार्रवाई करते हुए नए छात्रों के दाखिले पर रोक लगा दी है। यह आदेश शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान पारित किया गया।
आदेश के मुताबिक बिना मान्यता वाले निजी स्कूलों में आगामी आदेश तक नए छात्रों का दाखिला नहीं किया जा सकेगा।कोर्ट ने शिक्षा विभाग के सचिव को व्यक्तिगत शपथपत्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं और पूछा है कि निदेशक, लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा कोर्ट में गलत जानकारी क्यों दी गई।मामले में अगली सुनवाई 5 अगस्त 2025 को होगी।जनहित याचिका कांग्रेस नेता विकास तिवारी ने अधिवक्ता संदीप दुबे और मानस बाजपेई के माध्यम से दायर की थी, जिसमें बिना मान्यता वाले निजी स्कूलों की शिकायत की गई थी।

नियमों की अनदेखी:
बिना मान्यता वाले स्कूलों पर शिकायत के बाद शिक्षा विभाग सिर्फ 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाकर मान्यता दिलाने की मोहलत दे देता है।इस बीच पूरा शैक्षणिक सत्र निकल जाता है और स्कूल लाखों की फीस वसूल लेते हैं।अधिवक्ता ने कोर्ट में बताया कि रायपुर का कृष्णा पब्लिक स्कूल बिना मान्यता के कई शाखाएं चला रहा है, जिसमें कृष्णा प्ले और कृष्णा किड्स शामिल हैं। याचिका में बताया गया है कि राज्यभर में लगभग 330 स्कूल बिना मान्यता के संचालित हो रहे हैं।


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