ईको-फ्रेंडली विसर्जन के साथ गणपति महोत्सव का समापन, नीम का पौधारोपण और एकता का संदेश

Editor
By Editor 2 Min Read

भिलाई, शनिवार, साईं झूलेलाल धाम, 32 एकड़ हाउसिंग बोर्ड, भिलाई में आज गणपति महोत्सव का समापन पारंपरिक एवं पर्यावरण-संवेदनशील तरीके से किया गया। विघ्नहर्ता सिद्धिविनायक भगवान श्री गणपति जी की प्रतिमा का विसर्जन एक विशेष रूप से तैयार ईको-फ्रेंडली पात्र में किया गया, जिसमें प्रतिमा घुलकर जल व मिट्टी में परिवर्तित हुई। इस शुभ अवसर पर वैश्विक शांति, आरोग्य और कल्याण की प्रार्थना करते हुए समाज को पर्यावरण संरक्षण और एकता का संदेश दिया गया।

समापन के बाद यह घोषणा की गई कि इस पात्र की मिट्टी एवं जल से 07 सितंबर 2025, रविवार को झूलेलाल धाम परिसर में नीम का औषधीय वृक्ष रोपा जाएगा। यह पहल समाज में आपसी कड़वाहट मिटाकर एकता व सद्भाव का प्रतीक बनेगी।

कार्यक्रम के दौरान महिला मंडली अध्यक्ष लक्ष्मी नागदेव ने चालीहा महोत्सव के दौरान विशेष सेवाएं देने वाले समाज सेवकों – अध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र कृष्णानी, महासचिव अनिल थारवानी, गीता कृष्णानी एवं माया रोहरा को उपहार देकर सम्मानित किया।

गणपति स्थापना 27 अगस्त 2025 को की गई थी, जिसके बाद प्रतिदिन भजन, सत्संग, आरती, पल्लव कीर्तन एवं प्रसाद वितरण जैसे धार्मिक आयोजन होते रहे। समापन दिवस पर हवन-पूजन भी संपन्न हुआ।

विशेष रूप से सुसज्जित पात्र में प्रतिमा विसर्जन का आयोजन महिला मंडली की जोन अध्यक्ष अल्का थारवानी और हर्षा नागदेव द्वारा किया गया, जिसमें समाज के अध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र कृष्णानी और उनकी समिति की उपस्थिति रही। समस्त श्रद्धालुओं को पर्यावरण संरक्षण की शपथ भी दिलाई गई।

इस आयोजन में समाज के विभिन्न गणमान्य सदस्य एवं नागरिक – सुभाष भगत, महिला मंडली की लक्ष्मी नागदेव, लता मेहरचंनी, वंदना कृष्णानी, राधा कृष्णानी, माया रोहरा, कमला भगत, अंजली कृष्णानी, भारती पिन्यानी, मंजू पाहुजा, मीरा जीवनानी, माया थारानी, सविता पिन्यानी, निकिता लालवानी, निर्मला कृष्णानी, गीता कृष्णानी और हर्षा नागदेव सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

यह आयोजन इस बात का प्रेरणादायक उदाहरण बना कि कैसे आध्यात्मिकता को पर्यावरण और सामाजिक एकता से जोड़ते हुए समाज में सकारात्मक संदेश फैलाया जा सकता है।

Share This Article