बिलासपुर के कानन पेंडारी से मैत्री बाग पहुंचा मगरमच्छ, हो रही तिमारदारी

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सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के नगर सेवाएं विभाग के उद्यानिकी विभाग के द्वारा संचालित मैत्री बाग में मगरमच्छ लाया गया


भिलाई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के नगर सेवाएं विभाग के उद्यानिकी विभाग के द्वारा संचालित मैत्री बाग में 24 सितम्बर 2025 को वन्यप्राणी विनिमय के अंतर्गत एक मगरमच्छ लाया गया।

इसके साथ ही भिलाई से बिलासपुर के कानन पेंडारी जू को शेष बचे 10 सांभर सफलतापूर्वक भेजे गए। यह मगरमच्छ कानन पेंडारी ज़ू, बिलासपुर से वहाँ के वन्य प्राणी पशु विशेषज्ञ व ज़ू अधिकारी डॉ. चन्दन एवं उनकी टीम के नेतृत्व में मैत्री बाग लाया गया। इसके बाद वन्यजीव विशेषज्ञ, मैत्री बाग प्रभारी एवं महाप्रबंधक (उद्यानिकी) डॉ. एन.के. जैन के मार्गदर्शन में इस मगरमच्छ को उसके बाड़े में सुरक्षित रूप से छोड़ा गया। इस अवसर पर कार्यकारी मुख्य महाप्रबंधक (टी एंड डी) ए.बी. श्रीनिवास, उप महाप्रबंधक (टी एंड डी) आर. गर्ग, वरिष्ठ प्रबंधक (उद्यानिकी) मृदुल गुप्ता, शंकर अग्रवाल, योगेश चन्द्राकर, ललित यादव सहित भिलाई मैत्री बाग के अन्य कार्मिक उपस्थित रहे।


विदित हो कि यह एक युवा मगरमच्छ है, जिसकी लंबाई लगभग 8 फीट है व यह साल्ट/फ्रेश वाटर प्रजाति का है, जो आमतौर पर पानी में रहना पसंद करते हैं तथा ठंड के मौसम में पानी से बाहर आकर धूप सेंकते हैं। कभी-कभी यह मगरमच्छ 3 से 4 घंटे तक लगातार धूप में रह सेंकते हैं। साल्ट/फ्रेश वाटर क्रोकोडाइल मस्क क्रोकोडाइल की तुलना में अधिक लंबा और वजनी होता है। इनकी औसत आयु 40 से 50 वर्ष होती है।


यह उल्लेखनीय है कि नवंबर 2024 में हुए वन्यप्राणी विनिमय के अंतर्गत एक नर मगरमच्छ एवं चार बार्किंग डियर पहले ही मैत्री बाग लाए जा चुके है। उसी प्रक्रिया के तहत अब यह मगरमच्छ भिलाई पहुंचा है। इस प्रकार 20 सांभर के बदले बिलासपुर से प्राप्त होने वाले सभी वन्यजीव अब मैत्री बाग आ चुके हैं

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