वीणापाणि साहित्य समिति दुर्ग द्वारा “छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना एवं सम्मान समारोह”

Editor
By Editor 6 Min Read

छत्तीसगढ़ी साहित्यिक संगोष्ठी — विषय “छत्तीसगढ़ी साहित्य तब और अब”

दुर्ग, वीणापाणि साहित्य समिति दुर्ग द्वारा “छत्तीसगढ़  राज्य स्थापना एवं सम्मान समारोह का 26वां आयोजन डां. डी. पी. देशमुख प्रदेश अध्यक्ष/संपादक कला परंपरा, अध्यक्षता कवि एवं साहित्यकार डां. नरेन्द्र देवांगन, विशिष्ट अतिथि बी. के. वर्मा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भारतीय राज्य पेंशनर महासंघ एवं जिला अध्यक्ष, वक्ता प्रो. राजन यादव जी विभाग अध्यक्ष हिन्दी, अधिष्ठाता लोकसंगीत एवं कला संकाय इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ एवं बलदाऊ राम साहू अध्यक्ष हिन्दी साहित्य भारती एवं समिति के संरक्षक के आतिथ्य में संम्पन्न हुआ।

कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा मां वीणापाणि एवं छत्तीसगढ़ महतारी की पूजा अर्चना के पश्चात समिति के अध्यक्ष डां. नरेन्द्र देवांगन जी द्वारा छत्तीसगढ़ के राजगीत “अरपा पैरी के धार…” गीत से किया गया। अतिथियों के स्वागत पश्चात स्वागत भाषण के दौरान समिति के अध्यक्ष डां. नरेन्द्र देवांगन जी द्वारा बताया गया कि वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण की घोषणा के पूर्व संध्या से ही यह आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है। समारोह की दृष्टि से यह 26वां आयोजन है। प्रतिवर्ष किसी विशेष क्षेत्र में ख्याति प्राप्त व्यक्तित्व का सम्मान किया जाता है। इस वर्ष छत्तीसगढ़ी साहित्य में विशिष्ट योगदान हेतु प्रखर वक्ता एवं मानस मर्मज्ञ प्रो. राजन यादव विभागाध्यक्ष हिन्दी, अधिष्ठाता लोकसंगीत एवं कला संकाय इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ एवं संगीत के क्षेत्र में  कार्तिक राम भोसले  को पूर्व अध्यक्ष स्व. प्रदीप वर्मा  की स्मृति में उनके पुत्र  प्रशांत वर्मा  द्वारा समिति के माध्यम से प्रदाय किया गया तथा आध्यात्मिक /धार्मिक क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान हेतु मानस मर्मज्ञ  ठोकेलाल देवाँगन  का सम्मान किया गया ।

कार्यक्रम के प्रथम चरण में छत्तीसगढ़ी साहित्यिक संगोष्ठी अन्तर्गत मुख्य वक्ता राजन यादव  द्वारा “छत्तीसगढ़ी साहित्य तब और अब”  विषय पर सारगर्भित रोचकपूर्ण तरीक़े से व्याख्यान दिया गया।अपने उदबोधन के दौरान उन्होंने बताया कि कबीरदास  के शिष्य धनी धरमदास  को छत्तीसगढ़ी के आदिकवि का दर्जा प्राप्त है,जिनके पदों का संकलन एवं प्रकाशन हरि ठाकुर  ने किया है। छत्तीसगढ़ी के उत्कर्ष को नया आयाम पं. सुन्दरलाल शर्मा, लोचन प्रसाद पांडेय, मुकुटधर पांडेय, वंशीधर पांडेय, कुंजबिहारी चौबे आदि ने राष्ट्रीय आंदोलन के दौर में अपनी कविताओं की अग्नि को साबित कर दिखाया। 70 के दशक में द्वारिका प्रसाद तिवारी, बाबू प्यारेलाल गुप्त, कोदूराम दलित, हरि ठाकुर, नरेन्द्र देव वर्मा, विमल पाठक, केयर भूषण आदि कवियों ने छत्तीसगढ़ी साहित्य की विषय विविधता को सिद्ध करके दिखाया।
मुख्य अतिथि डां. डी.पी. देशमुख ने आगे बताया कि छत्तीसगढ़ी के विकास में विद्याभूषण मिश्र, मुकंद कौशल, हेमनाथ वर्मा विकल, बिसंभर यादव, पालेश्वर शर्मा, रघुवीर अग्रवाल पथिक, राम कैलाश तिवारी  आदि कवियों का विशेष योगदान रहा। डां. हीरालाल शुक्ल, डां. मन्नूलाल यदु, डां. सुधीर शर्मा, डां. विनय पाठक, डां. बिहारी लाल साहू, डां. निरुपमा शर्मा, आदि ने भाषा एवं शोध के क्षेत्र में जो कार्य किया वह मील का पत्थर है। छत्तीसगढ़ी का गद्य साहित्य भी निरंतर पुष्ट हो रहा है जिसके प्रमाण में हम हीरु के कहिनी(पं. वंशीधर शर्मा), दियना के अंजोर(शिवशंकर शुक्ल), प्रस्थान(डां. परदेशी राम वर्मा), आदि है ।

वर्तमान समय में अरुण कुमार निगम जीजो कि छंद साधक है,छंद के छः के माध्यम से पूरे छत्तीसगढ़ में अपने शिष्यों के साथ परचम लहरा रहे हैं वहीं दूसरी ओर बलदाऊ राम साहू जैसे बाल साहित्यकार राष्ट्रीय स्तर पर अपनी धाक जमा रहे हैं।
विशिष्ट अतिथि बी. के. वर्मा जी अपने उद्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ी साहित्य अपने आप में वृहद है अत्यंत समृद्ध है जिनके अंतस में हमारे प्रखर वक्ता राजन यादव जैसे मोती चमक रहें हैं।आवश्यकता है तो बस उसे तराशने की।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र मेंवृहद कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।जिसकी अध्यक्षता डां. संजय दानी जी ने किया। काव्य पाठ करने वालों में प्रमुखतः समिति अध्यक्ष डां. नरेन्द्र देवांगन,महासचिव अनूप दुबे, उपाध्यक्ष यशवंत सूर्यवंशी, प्रचार सचिव इन्द्रजीत दादर, संरक्षक बलदाऊ राम साहू, घनश्याम सोनी, डां. संतराम देशमुख, राजनारायण श्रीवास्तव, डां. संजय दानी, कमलेश तिवारी, राकेश गुप्ता, हर्ष देव, शाद बिलासपुरी, शुचि भवि, माला सिंह, डा. नौशाद अहमद सिद्धिकी, फिरीत पटेल, मोहम्मद हुसैन मजाहिर, सूर्यकांत गुप्ता, गिरीश द्विवेदी, बैकुण्ठ महानंद, मंजूलता शर्मा, टी.आर.कोशरिया,एम एन वर्मा, फरीदा शाहीन, रियाज खान गौहर, प्रदीप पांडेय, प्यारे लाल देशमुख, पोषण साहू आदि कवियों ने काव्य पाठ किया।

कार्यक्रम में सम्माननीय कवियों के अलावा राज्य पेंशनर एशोसिएशन के सम्माननीय सदस्यों में बी. के शर्मा, एस. एल. देवांगन, राजेश तिवारी, डां. मोहनसिंग, डी.पी. दिल्लीवार, राजेन्द्र बघेल, अमन श्रीवास्तव, चन्द्रशेखर, उमेश अग्रवाल, नरसिंग पटेल, भानुप्रसाद द्विवेदी, चित्रसेन चन्द्राकर, आर डी साहू, शत्रुंजय तिवारी, जगमोहन सिन्हा, के साथ साथ समर्पण मानस महिला मंडली के सदस्यों में  दुलारी वर्मा, किरण वर्मा, नलिनी सोनी, तुलसी वर्मा, चन्द्रलता देवांगन, मिथिला यदु, ज्योति उपाध्याय, चन्द्रादेवी, गिरिजा साहू, अमिता नाग आदि के साथ साथ अविरल समिति के सदस्यों में सम्माननीय एच. डी. मानिकपुरी, गया प्रसाद साहू, समीर चंद साहू, जनार्दन, सी एस सोनी, संजय सिरोड़ आदि सैकड़ो की संख्या में श्रोतागण उपस्थित थे।
अंत में उपस्थित सभी लोगों के द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के उपलक्ष्य में फुलझड़ी जलाकर खुशी व्यक्त किया गया।
कार्यक्रम का संचालन समिति के प्रचार सचिव इन्द्रजीत दादर एवं उपाध्यक्ष यशवंत सूर्यवंशी द्वारा तथा आभार प्रदर्शन समिति के अध्यक्ष डां. नरेन्द्र देवांगन द्वारा किया गया ।

Share This Article