शहर की तमाम मस्जिदों और घरों में पढ़ी गई दुआएं आशूरा, देर रात जुलूस पहुंचा कर्बला मैदान
भिलाई। कर्बला के शहीदों की याद में यौमे आशूरा पर शहर में ताजिए और अखाड़ों के साथ जुलूस निकला। इस दौरान कर्बला के शहीदों के सरदार इमाम हुसैन की याद में ‘या हुसैन’ की सदा गूंजती रही। अखाड़े में नौजवानों ने कई हैरतअंगेज करतब दिखाए। शहर के अलग-अलग हिस्सों से जुलूस पावर हाउस, सेक्टर-5 और सुपेला चौक पर इकट्ठा हुआ। इसके बाद देर रात जुलूस कर्बला मैदान जीई रोड पहुंचा, जहां फातिहा ख्वानी के बाद लोग सुबह तक घर लौटे।
मुहर्रम के 10 वें दिन यौमे आशूरा पर शहर की सभी मस्जिदों में दोपहर के वक्त नमाजे जुहर के बाद मिल कर दुआए आशूरा पढ़ी गई। वहीं मस्जिदों, इमामबाड़ों और ताजिया निकलने के रास्ते में जगह-जगह लंगर और सबील का इंतजाम किया गया था। जिसमें देर रात तक लोगों ने अपनी भागीदारी दी।
दोपहर शहर में ताजिया और अखाड़े का जुलूस अलग-अलग हिस्सों से निकला। जिसमें हाउसिंग बोर्ड, नंदिनी रोड, कैम्प-1, कैम्प-2, खुर्सीपार जोन-1,2,3, भिलाई-तीन चरोदा तक के ताजिए-अखाड़े पावर हाउस चौक पर इकट्ठा हुए। यहां से ओवर ब्रिज से इक्विपमेंट चौक सेक्टर-1 सेक्टर-5 पहुंचें। इसी तरह सुपेला, फरीद नगर, राम नगर, कोसानाला, लक्ष्मी नगर, कृष्णा नगर और अयप्पा नगर कोहका सहित आसपास के ताजिए सुपेला चौक पर इकट्ठा हुए। यहां से रेलवे अंडर ब्रिज होते हुए सेक्टर-6 बी मार्केट, ए मार्केट होते हुए सेंट्रल एवेन्यू पहुंचें। सेक्टर-5 चौक पर मुख्य जुलूस में मिले। इस दौरान रास्ते में सेक्टर-6 के दो अखाड़े भी शामिल हुए। इसके अलावा मरोदा, रिसाली, रूआबांधा के ताजिए आकर इस जुलूस में मिल गए। यहां सेक्टर-5 चौक से सभी ताजिए सेक्टर-6 जामा मस्जिद होते हुए रेलवे अंडर ब्रिज से सुपेला चौक और फिर वहां से देर रात कर्बला मैदान पहुंचे।

आज नूह की कश्ती लगी थी किनारे और मूसा को मिली थी फतह: सैयद असलम
यौमे आशूरा पर इस्लामिक मामलों के जानकार सैयद असलम ने बताया 1400 साल पहले इस रोज प्यारे नबी हजरत मोहम्मद सल्लाहो अलैहि वसल्लम के लाडले नवासे इमाम सैयदना इमाम हुसैन रजि अल्लाहु अन्हु और अहले बैत रजि. को हक़ के साथ और जुल्मो-सितम करने वालों के खिलाफ खड़े होने के कारण शहीद किया गया था। इमाम हुसैन ने यजीद को सबक सिखाया और शहादत का जाम पी कर दुनिया को तालीम दी कि जुल्म के खिलाफ हक़ वाले हमेशा लोगों को इंसाफ दिलाने खड़े रहेंगे और दुनिया में हक़ ओर इंसाफ़ कायम होगा। उन्होंने कहा कि आज के दिन की ओर बड़ी फज़ीलत में फिरौनियो से पैगंबर मूसा अलैहिस्सलाम और उनकी कौम को निजात मिली और पैगम्बर नूह अलैहिस्सलाम के दौर में आए तूफान में उनकी कश्ती पहाड़ पर जाकर आज के दिन ठहरी थी। इस दिन पैगंबर यूनुस अलैहिस्सलाम को मछली के पेट से बाहर निकाला गया। इस दिन दरूद शरीफ का जिक्र ओर कुरान पाक की तिलावत की जाती है।

ताजिया, अखाड़ा, सवारी और लंगर से जुड़ी अंजुमन रहीं शामिल
इस साल मुहर्रम के जुलूस में ताजिया, अखाड़ा, सवारी और लंगर से जुड़ी अंजुमन शामिल हुईं। इनमें मुख्य रूप से मरहूम अब्दुल जब्बार मछली वाले ताजिया व अखाड़ा अब्दुल गफ्फार कालोनी इंडस्ट्रियल एरिया छावनी, अंजुमन हुसैनिया कमेटी सेक्टर-11 जोन-1 सडक नं.20 खुर्सीपार, मुर्हरम कमेटी कैम्प-1 सुल्तानपुर चौक, शेख मंजूर बाबा भाई पचायंती ताजिया व आखाडा सेक्टर-11 जोन-1 गौतम नगर सडक-21,शेख मरहूम जब्बार कमेटी वाले हाउसिंग बोर्ड कालोनी एलआईजी 310, जुल्फिकार अली भिलाई-3 बस स्टैण्ड के सामने, इलाहाबादी पंचायती ताजिया व अखाड़ा कैम्प-2 संग्राम चौक, मरहूम गोपाल भाई रमजान अली ताड़ी दुकान नहर ताजिया व अखाड़ा कैम्प-2 और अंजुमन हैदरी मोहरम कमेटी पंचायती ताजिया व आखाडा नंदनी रोड केम्प -2 सहित 60 से ज्यादा अंजुमन शामिल हैं।
