रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन में निगम एवं मंडल का चेयरमैन बनाने का झांसा देकर ठगी का मामला सामने आया है। सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक वरिष्ठ नेता से 41 लाख 30 हजार रुपये की ठगी कर ली गई। इस मामले में एक महिला समेत दो आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है और पुलिस आरोपितों की तलाश में जुट गई है।
शिकायत के अनुसार भाजपा कोर ग्रुप सदस्य और पूर्व जिला अध्यक्ष संतोष कटारिया से यह धोखाधड़ी की गई। उन्होंने केशकाल थाने में दर्ज रिपोर्ट में बताया कि उनकी पहचान रायपुर निवासी राजीव सोनी के माध्यम से एक महिला काजल जोशी से हुई। काजल ने खुद को नागपुर और दिल्ली की रहने वाली बताते हुए खुद को भाजपा व आरएसएस से जुड़ी हुई और केंद्रीय मंत्रियों तथा वरिष्ठ नेताओं की करीबी बताया।
काजल ने कटारिया को खनिज निगम का चेयरमैन बनवाने का दावा करते हुए इसके एवज में तीन करोड़ रुपये की मांग की। कटारिया ने तत्काल इतनी बड़ी राशि देने में असमर्थता जताई, लेकिन चरणबद्ध तरीके से उन्हें कुल 41 लाख 30 हजार रुपये सौंप दिए गए। पहली किश्त 20 अगस्त 2024 को दिल्ली में नकद रूप में 20 लाख, फिर 26 सितंबर को व्हाट्सएप के जरिए भेजे गए क्यूआर कोड के माध्यम से 1 लाख 30 हजार, और अंत में अक्टूबर में रायपुर के एक होटल में 20 लाख रुपये नकद दिए गए।
इतनी राशि देने के बावजूद जब निगम मंडल में कटारिया की नियुक्ति नहीं हुई और काजल से संपर्क करना कठिन होने लगा, तो उन्होंने अन्य भाजपा नेताओं से जानकारी जुटाई। इस दौरान खुलासा हुआ कि काजल जोशी पार्टी की सदस्य ही नहीं है और उसका असली नाम कोमल इंगुले है। आरोपित राजीव सोनी और कोमल इंगुले (उर्फ काजल जोशी) अब फरार हैं और उनके मोबाइल नंबर भी बंद हैं।
पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात) और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
सूत्रों के अनुसार यह मामला राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में भी चर्चा का विषय बन गया है और पुलिस हर पहलु की बारीकी से जांच कर रही है।