भिलाई- कुम्हारी रेलखंड ऑटोमेटिक सिग्नलिंग से हुआ हाईटेक, ट्रेनों की रफ्तार और संरक्षा में आएगा बड़ा सुधार

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भिलाई। यात्रियों को तेज, सुरक्षित और सुविधाजनक रेल यात्रा प्रदान करने की दिशा में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। भिलाई-कुम्हारी रेलखंड अब ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग प्रणाली से लैस हो गया है। यह प्रणाली ट्रेनों के संचालन को न केवल अधिक संरक्षित बनाती है, बल्कि गति और लाइन क्षमता में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी सुनिश्चित करती है।

भिलाई रेलवे नेटवर्क के इस अत्यंत व्यस्त खंड पर नई सिग्नलिंग तकनीक लागू होने से अब एक ही रेलखंड में एक से अधिक ट्रेनों का संचालन संभव हो गया है। ट्रेनें अब एक-दूसरे के पीछे सिग्नल के माध्यम से नियंत्रित होकर सुचारु रूप से चल सकेंगी, जिससे स्टेशन पर अनावश्यक रुकावट कम होंगी और समय की बचत होगी। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग के तहत स्टेशन यार्ड के बाद लगभग हर एक किलोमीटर पर सिग्नल लगाए गए हैं। यदि किसी कारणवश आगे का सिग्नल बाधित होता है, तो पीछे की ट्रेनों को स्वतः सूचना मिल जाती है और वे वहीं रुक जाती हैं। इससे दुर्घटनाओं की संभावना नगण्य हो जाती है।
भिलाई-कुम्हारी खंड के अलावा, यह प्रणाली बिलासपुरक्वदगोरी, नागपुरक्वदुर्ग, बिलासपुरक्वघुटकू, कोतरलियाक्वजामगा समेत दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के 462 किलोमीटर रेलमार्ग पर लागू की जा चुकी है। रेलवे के अनुसार, अन्य प्रमुख खंडों पर भी कार्य जारी है। रेलवे प्रबंधन के अनुसार, इस अत्याधुनिक तकनीक के लागू होने से जहां ट्रेनों की गति में वृद्धि होगी, वहीं यात्रियों को अधिक सुरक्षित और समयबद्ध यात्रा अनुभव प्राप्त होगा। ट्रेनों की रीयल-टाइम लोकेशन की जानकारी भी अब अधिक सटीक रूप से उपलब्ध होगी, जिससे संचालन अधिक कुशल हो गया है। भिलाई के यात्रियों के लिए यह तकनीकी अपग्रेडेशन एक बड़ी सौगात है, जो आने वाले समय में इस औद्योगिक शहर को रेल सेवाओं की गुणवत्ता में नई ऊँचाई तक पहुँचाने में मदद करेगा।

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