सरदार बलजीत सिंह भोगल को संरक्षक नियुक्त किया
भिलाई : औद्योगिक नगरी भिलाई स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु अरजन देव जी, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में नई कमेटी का गठन अत्यंत सौहार्दपूर्ण और भाईचारे भरे वातावरण में सम्पन्न हुआ। समाज की संगत ने सर्वसम्मति एवं आम सहमति से पुनः सरदार जसवीर सिंह सैनी को अध्यक्ष (प्रधान) और पूर्व अध्यक्ष सरदार बलजीत सिंह भोगल को संरक्षक नियुक्त किया।
समिति के पुनर्गठन के इस विशेष अवसर पर हाउसिंग बोर्ड की साध संगत में विशेष उत्साह का माहौल रहा। संगत ने अध्यक्ष सरदार जसवीर सिंह सैनी के गत तीन वर्षों के कार्यकाल की सराहना करते हुए, उनके सेवा भाव, समर्पण और नेतृत्व कौशल पर पूर्ण विश्वास जताया।
अरदास एवं सम्मान समारोह
समिति के गठन के पश्चात श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के सामने अरदास की गई, जिसमें सर्वत्र के भले की कामना की गई और गुरबाणी की राह पर चलते हुए दरबार साहिब तथा आम संगत की सेवा करने की प्रेरणा मांगी गई। तत्पश्चात, अध्यक्ष जसवीर सिंह सैनी एवं संरक्षक बलजीत सिंह भोगल को सरोपा देकर सम्मानित किया गया।

संगत की ओर से सराहना
हाउसिंग बोर्ड की संगत ने अध्यक्ष जसवीर सिंह सैनी के कार्यकाल की कई उल्लेखनीय उपलब्धियों का स्मरण किया। उन्होंने समाज के हर वर्ग – अमीर-गरीब, छोटे-बड़े – को समान दृष्टिकोण और सम्मान प्रदान किया। उनके मृदुभाषी स्वभाव के चलते अधिक से अधिक सेवादार कमेटी से जुड़े।
उनके नेतृत्व में दरबार साहिब में कई नवनिर्माण कार्य हुए –
सर्वसुविधायुक्त एवं आकर्षक स्वरूप में रूपांतरण
शौचालय एवं स्नानागार का जीर्णोद्धार (स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत)
बोरवेल खनन
संगत की अन्य आवश्यकताओं के अनुरूप कई मूलभूत सुविधाओं का विस्तार भी किया गया।
भविष्य की योजनाएं
संरक्षक सरदार बलजीत सिंह भोगल ने नई कमेटी के गठन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसे पूरे सिख समुदाय के लिए गर्व का क्षण बताया। उन्होंने कहा कि सरदार जसवीर सिंह को पुनः अध्यक्ष बनाए जाने से संगत का विश्वास और आपसी सहयोग और भी मजबूत हुआ है।
उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में कमेटी द्वारा संगत को गुरबाणी से जोड़ते हुए नवीन सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों का निरंतर आयोजन किया जाएगा, जिससे आने वाली पीढ़ी अपनी सिख विरासत से जुड़ी रह सके।
हाउसिंग बोर्ड भिलाई के गुरुद्वारा साहिब में हुए इस शांतिपूर्ण और सहमति आधारित चुनाव ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि जब संगत एकजुट होकर सेवा और भक्ति की भावना से प्रेरित होती है, तब समाज में समरसता, भाईचारा और प्रगति का मार्ग प्रशस्त होता है।