0 प्रदेश के इतिहास में पहली बार 1008 मीटर लंबा भगवा ध्वज लेकर चले
भिलाई। छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक राजधानी दुर्ग इस सावन एक ऐतिहासिक क्षण का साक्षी 27 जुलाई को बन गया। प्रातः 6 बजे, शिवनाथ कांवड़ यात्रा समिति के तत्वावधान में खारून नदी (कुम्हारी) से शिवनाथ नदी (महमरा एनीकट, दुर्ग) तक एक भव्य, दिव्य एवं ऐतिहासिक कांवड़ यात्रा निकाली गई।यात्रा का उद्देश्य केवल धार्मिक आस्था नहीं, बल्कि सनातन धर्म की एकता, सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक पुनर्जागरण को सशक्त रूप से जनमानस तक पहुंचाना रहा। शिवनाथ कांवड़ यात्रा समिति के तत्वाधान में आयोजित इस कांवड़ यात्रा में जिला एवं प्रदेभर के नागरिक हजारों की संख्या में शामिल होकर हर हर महादेव एवं बोल बम के जयघोष के साथ भगवा रंग में रंगकर सनातन एकता, सामाजिक समरसता एवं सांस्कृतिक जागरण का संदेश दिया।

कांवड़ यात्रा के संरक्षक उपकार चंद्राकर कांवर लेकर चलें। परम पूज्य आचार्य नरेंद्र शास्त्री जी महाराज (चाय वाले बाबा) द्वारा निर्देशित शिव भक्त कावड़ियों इस बार प्रदेश के इतिहास में पहली बार 1008 मीटर लंबा भगवा ध्वज लेकर चला। यह यात्रा केवल भक्ति का उत्सव नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग, समाज व समुदाय को जोड़ने वाला सांस्कृतिक आंदोलन है। हजारों शिवभक्त, जनप्रतिनिधिगण, ग्रामीण, शहरी, युवा, महिलाएं, संत, सामाजिक कार्यकर्ता एक ही लक्ष्य और भाव के साथ कांवड़ लेकर इस पवित्र यात्रा में सहभागी बने। यात्रा में कुम्हारी से लेकर दुर्ग तक सतनामी, आदिवासी, गोंड, कंवर, यादव, साहू, रजक, विश्वकर्मा, कुर्मी, तेली, माहरा, ब्राह्मण, वैश्य, ठाकुर, सिंधी, जैन आदि समाजों के भाई-बहन इस यात्रा में कांवड़ लेकर सहभागी बने और कई स्थानों पर स्वागत भी किया गया। कई ऐसे समाजों के युवा-युवतियाँ भी पहली बार इस यात्रा में कांवड़ उठाया जिन्हें अतीत में सनातन से दूर करने का षड्यंत्र रचा गया। यह यात्रा उस सांस्कृतिक पुनःस्थापन का प्रतीक बना जो बताया है कि यह यात्रा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आस्था, समरसता, एकता एवं ऊर्जा का महासंगम है। कांवड़ यात्रा समिति के संयोजक विपिन चंद्राकर ने बताया कि प्रदेश के उप मुख्यमंत्री अरुण साव, जामडी पाटेश्वर धाम पूज्य संत रामबालक दास महाराज, अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक युवराज पांडेय, पूर्व प्रांत संघचालक आरएसएस बिसरा राम यादव, विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ पदाधिकारी चंद्रशेखर वर्मा, योग आयोग के अध्यक्ष रूपनारायण सिंहा, सांसद विधायकगणों को भी आंमत्रित किया गया था।
कांवड़ यात्रा में भव्य डीजे, मनमोहक शिव पार्वती झांकी, ढोल नंगाड़ा, छत्तीसगढ़ की संस्कृति और भक्ति से ओतप्रोत दलों द्वारा भव्य प्रस्तुती, खारुन नदी तट महमरा घाट में गंगा आरती के तर्ज पर शिवनाथ गंगा आरती का आयोजन मनाेहारी रहा।