मिला आश्वासन, राज्य विद्युत मंडल पत्रोपाधि अभियंता संघ ने स्थगित किया आंदोलन

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सहायक श्रम आयुक्त मध्यस्थता में हुई बैठक
पदोन्नति कोटा 70% किए जाने समेत प्रमुख मांगों पर एक माह में उच्चस्तरीय बैठक का आश्वासन

रायपुर। छत्तीसगढ़ स्टेट पावर कंपनियों के डिस्ट्रीब्यूशन, जनरेशन और ट्रांसमिशन विंग में पदोन्नति संबंधी मांगों को लेकर प्रस्तावित आंदोलन पर सोमवार को सहायक श्रम आयुक्त की मध्यस्थता में महत्वपूर्ण प्रगति हुई। संघ और प्रबंधन के बीच विस्तृत चर्चा के बाद 18 नवम्बर 2025 को प्रस्तावित एक दिवसीय सत्याग्रह तथा 25 नवम्बर 2025 से घोषित अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन को संघ ने सशर्त स्थगित करने की घोषणा की।

यह निर्णय उस आश्वासन के बाद लिया गया जिसमें पावर कंपनियों के अध्यक्ष द्वारा एक माह के भीतर उच्चस्तरीय बैठक आयोजित करने, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स (BOD) की बैठक कर आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करने और पदोन्नति से जुड़े आदेश जारी करने की बात कही गई है।
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल पत्रोपाधि अभियंता संघ के प्रांतीय अध्यक्ष श्रीकांत बड़गैया ने बताया कि घ लंबे समय से कनिष्ठ अभियंता से सहायक अभियंता के पदोन्नति कोटा को सभी तीनों कंपनियों (जनरेशन, डिस्ट्रीब्यूशन, ट्रांसमिशन) में 70% किए जाने, ट्रांसमिशन कंपनी में यह कोटा 20% से 70% बढ़ाने, तथा रुकी हुई पदोन्नतियों को शीघ्र जारी करने की मांग कर रहा था।

इन मांगों के समाधान के लिए 2 सितंबर को गेट मीटिंग के बाद प्रबंधन को ज्ञापन सौंपा गया था तथा कई दौर की द्विपक्षीय चर्चाएँ भी हो चुकी थीं, परन्तु संघ के अनुसार अपेक्षित प्रगति नहीं हुई। इसी कारण 8 सूत्रीय मांगों के समर्थन में चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा की गई थी।
14 नवम्बर को जनरेशन, वितरण और ट्रांसमिशन कंपनियों के प्रबंध निदेशकों के साथ हुई वार्ता में भी संघ ने अपनी मांगों को दोहराया था। इसके बाद 17 नवम्बर को सहायक श्रम आयुक्त ने मध्यस्थता करते हुए प्रबंधन व संघ के बीच बैठक आयोजित की, जिसमें सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई।

बैठक में प्रबंधन की ओर से स्पष्ट किया गया कि पदोन्नति कोटा परिवर्तन तथा लंबित पदोन्नतियों के संबंध में आवश्यक निर्णय शीघ्र लिए जाएंगे और इसके लिए एक माह के भीतर अध्यक्ष, पावर कंपनियों के साथ बैठक सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही प्रक्रियात्मक मंजूरी हेतु BOD बैठक आयोजित कर आदेश जारी करने का आश्वासन दिया गया।
इस सकारात्मक प्रगति को देखते हुए संघ ने आंदोलन स्थगित करने का निर्णय लिया। संघ ने स्पष्ट किया कि यदि तय समयसीमा में ठोस कार्यवाही नहीं होती है, तो आंदोलन दोबारा प्रारंभ किया जाएगा। संघ ने कहा कि संगठन उनके हितों, पदोन्नति, कार्यस्थल सुविधाओं और पेशेवर प्रगतियों के लिए संघर्षरत रहेगा।

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