एक व दो अगस्त को दुर्ग डाक संभाग के सभी डाकघर बंद रहेंगे

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भिलाई। भारत सरकार एवं डाक विभाग छत्तीसगढ़ डाक परिमंडल के दिशानिर्देश अनुसार भविष्य के एपीटी एप्लिकेशन के रोल आउट की घोषणा की है।आई टी 2.0 रोल आउट प्रक्रिया ग्राहकों को बेह्त्तर सुविधा दिए जाने की दिशा में महत्वपूर्ण परिवर्तन साबित होने जा रहा है | डिजिटल उत्कृष्ठता राष्ट्र निर्माण की दिशा में डाक विभाग की इस यात्रा में यह एक सवर्णिम मौका है। इस परिवर्तनकारी पहल के रूप मे इस उन्नत प्रणाली को दुर्ग डाक संभाग के समस्त प्रधान डाकघर / उपडाकघरों और शाखा डाकघरो में दिनांक 04.08.2025 से लागू किया जायेगा।
इस उन्नत डिजिटल प्लेटफार्म को सक्षम करने के लिये एक सुनियोजित डाउनटाईम निर्धारित किया गया है जिसके तहत दुर्ग डाक संभाग के समस्त शाखा डाकघरो में दिनांक 30/07/2025 से 02.08.2025 एवं समस्त प्रधान डाकघर,उप डाकघर में दिनांक 01/08/2025 से 02.08.2025
तक की अवधि में समस्त प्रकार के वित्तीय लेनदेन व् डाक सम्बन्धी समस्त कार्य बंद रहेगे | डाक सेवाओं का यह अस्थाई निलंबन डाटा माइग्रेशन, सिस्टम सत्यापन और अन्य प्रक्रियाओं को सुविधाजनक बनाने के लिये आवश्यक है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि नई प्रणाली सुचारू रूप से प्रारंभ हो सके।एपीटी एप्लीकेशन को बेहतर एवं उपयोगी, तीव्र सेवा वितरण और ग्राहकों के लिये अनुकूल इंटरफेस प्रदान करने के लिये डिजाईन किया गया है, जो प्रभावी है और भविष्य के लिये बेहतर डाक संचालन प्रदान करनें की हमारी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
दुर्ग डाक संभाग अपनें सम्मानीय ग्राहकों से निवेदन करता है कि डाक सेवाओं के संक्षिप्त व्यवधान के दौरान हमारा सहयोग करें । हम किसी भी असुविधा के लिये खेद व्यक्त करते हैं और आपको आश्वस्त करते हैं कि ये कदम प्रत्येक नागरिक को बेहतर, तीव्र तथा डिजिटल रूप से सशक्त सेवायें प्रदान करने के लिये उठाये जा रहे हैं।

ऐसें समझें रोल आउट को

APT एप्लिकेशन (Advanced Parcel Tracking / Automated Postal Tool) भारत सरकार और डाक विभाग द्वारा विकसित एक नई तकनीकी प्रणाली (IT 2.0) का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य डाक सेवाओं को अधिक डिजिटल, पारदर्शी, सटीक और ग्राहक-हितैषी बनाना है।

मुख्य उद्देश्य और फायदे:
डिजिटलीकरण – पारंपरिक डाक सेवाओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाना।
बेहतर ट्रैकिंग सिस्टम – पार्सल या डाक वस्तुओं की लाइव ट्रैकिंग आसान बनाना।
ग्राहक सुविधा – ग्राहकों को तेज, पारदर्शी और सुलभ सेवाएं देना।
ऑपरेशनल दक्षता – डाकघरों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए प्रक्रिया को अधिक सरल और तेज बनाना।
भविष्य की तैयारियाँ – डाक प्रणाली को ई-कॉमर्स, डिजिटलीकरण और आधुनिक लॉजिस्टिक्स के अनुकूल बनाना।

“आईटी 2.0” क्या है?
यह भारतीय डाक विभाग का एक आधुनिकीकरण अभियान है, जिसके तहत तकनीक का प्रयोग करके डाक सेवाओं को 21वीं सदी के अनुरूप बदला जा रहा है। इसमें शामिल हैं:
डिजिटल काउंटर सेवाएं
मोबाइल एप्लिकेशन आधारित ट्रैकिंग
बैकएंड ऑटोमेशन
इलेक्ट्रॉनिक डाटा इंटरचेंज

इसकी जरूरत क्यों पड़ी?
ग्राहकों की बढ़ती अपेक्षाएँ
ई-कॉमर्स की तेजी से बढ़ती डिमांड
पारंपरिक डाक सेवाओं में पारदर्शिता और गति की कमी
निजी कूरियर कंपनियों से प्रतिस्पर्धा

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