भिलाई। साईं झूलेलाल धाम, 32 एकड़ हाउसिंग बोर्ड में वडी थदड़ी और जन्माष्टमी पर्व का संयुक्त आयोजन बड़े ही धूमधाम और धार्मिक श्रद्धा के साथ किया गया। यह आयोजन चालिहे महोत्सव के 39वें दिन सम्पन्न हुआ, जिसमें समाज के सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए।
कार्यक्रम की शुरुआत महिला मंडली द्वारा भगवान श्रीकृष्ण और साईं झूलेलाल की आरती, पल्लव, भजन-कीर्तन और अरदास से हुई। 38 दिनों से चल रहे चालिहा महोत्सव के अंतर्गत झूलेलाल चालीसा और अखो पायण जैसे धार्मिक अनुष्ठान भी सम्पन्न हुए। समाज के सभी परिवारों के सहयोग से भगवान श्रीकृष्ण को भव्य छप्पन भोग अर्पित किया गया।
थदड़ी पर्व का महत्व बताते हुए समाज के अध्यक्ष डॉ. धर्मेन्द्र कृष्णानी ने कहा कि यह पर्व माताओं द्वारा अपने पुत्रों की दीर्घायु के लिए शीतला माता की पूजा-अर्चना के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने एक पौराणिक कथा का उल्लेख करते हुए बताया कि भगवान कृष्ण के अस्वस्थ होने पर उनकी माता ने शीतला माता से पुत्र की कुशलता हेतु प्रार्थना की थी और व्रत रखने का संकल्प लिया था। उसी परंपरा को निभाते हुए सिंधी समाज इस दिन ठंडा भोजन (मीठी कोकी, लोला, दहीबड़ा आदि) ग्रहण करता है।

पर्व के अवसर पर समाज की संस्कृति को जानने और संजोने हेतु क्विज प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में महिलाओं और बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। भजनों के साथ प्रसिद्ध सिंधी छेज नृत्य की प्रस्तुति ने समां बांध दिया।
कार्यक्रम की सफलता में महिला समिति की अध्यक्ष लक्ष्मी नागदेव सहित लता मेहरचन्दानी, कमला भगत, निर्मला कृष्णानी, अंजली कृष्णानी, अलका थारवानी, सुमन थारवानी, निकिता लालवानी, आशा आहूजा, रानी छाबड़िया, माया थारानी, हर्षा नागदेव, डाली थारवानी, कंचन वीरवानी, रेखा बजाज, कविता डिंगा, पूनम साहनी, अनिता नागदेव, दीपा धनकानी आदि ने सक्रिय भूमिका निभाई।
कार्यक्रम का समापन समाज की एकता, श्रद्धा और सांस्कृतिक विरासत के प्रति गहरे सम्मान के साथ हुआ।