जशपुर के चार केंद्रों में 15 करोड़ का धान घोटाला उजागर
पूरे प्रदेश में 84 हजार मीट्रिक टन धान गायब भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप
रायपुर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि पूरे प्रदेश में विशेषकर जशपुर में धान की कागजो पर खरीदी की गयी तथा शासन के पैसे का करोड़ो का घोटाला किया गया। खुलासा हुआ कि जशपुर के फरसाबहार जनपद पंचायत केन्द्र के 4 धान केन्द्रो में गडियाडीह, कोनपारा, तपकरा, समडमा में कागजो पर खरीदी की गयी। इन चारो केन्द्रों में मिलर के उठाव के बाद जो धान शेष बचना चाहिये वहां लगभग 15 करोड़ का धान शार्टेज है। यह बड़ा घोटाला है, जब 4 केन्द्रो में 15 करोड़ का घोटाला हुआ है तो कल्पना की जा सकती है। पूरे प्रदेश में 2739 केन्द्रों में कितने हजार करोड़ का घोटाला हुआ होगा। कांग्रेस पार्टी की हमारी राष्ट्रीय सचिव जरिता जी हमारे नगर पंचायत अध्यक्ष विनयशील ने इस घोटाले को प्रेस कांन्फ्रेंस लेकर प्रमाण के साथ उजागर किया था, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। एक सत्यापन कमेटी बना दी गयी, लेकिन कोई रिपोर्ट आज तक नहीं आई।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि पिछले खरीफ सीजन में भी रखरखाव और परिवहन में गड़बड़ी करके 1000 करोड़ का धान घोटाला किया गया था, इस बार यह आंकड़ा और बढ़ेगा। इसी बदनीयती से भाजपा सरकार ने धान संग्रहण केंद्रों से 72 घंटों के भीतर उठाव का नियम बदला था, ताकि नुकसान बताकर धान गायब करवा सकें। छत्तीसगढ़ में 2038 प्राथमिक शाख समितियां कार्यरत हैं, जिसके अंतर्गत 2739 धान संग्रहण केंद्र संचालित है, इन सभी सहकारी सोसाइटियों में भ्रष्टाचार करने के लिए भाजपा की सरकार ने अपने ही नेता कार्यकर्ताओं को प्रभारी नियुक्त किया है। इन्हीं के आंकड़ों में विगत खरीफ़ सीजन में खरीदे गए धान में से 84 हजार मीट्रिक टन गायब हैं, बेहद स्पष्ट है कि भाजपा नेताओं के संरक्षण में ही धान चोरी हुए। भाजपा सरकार आने के बाद से सहकारी सोसाइटियों को भाजपा नेताओं का चारागाह बना दिया गया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि डिप्टी सीएम विजय शर्मा के गृह जिले कवर्धा के पंडरिया के केवल तीन संग्रहण केंद्रों में की गई जांच में ही खरीदी के दावों से 3 करोड़ 36 लाख के धान कम पाए गए। रिपोर्ट के अनुसार दवा गुड़ान में 8440 क्विंटल, सरइसेत में 497 क्विंटल और बघर्रा में 196 क्विंटल धान की गड़बड़ी प्रमाणित हुई है। खरोरा के पचरी धान खरीदी केंद्र में 425 क्विंटल धान गायब है, लगभग यही स्थिति प्रदेश के अन्य सभी धान उपार्जन केंद्रों में है। धान संग्रहण केंद्रों में धान खरीदी के दावे और वास्तविक स्टॉक में जमीन आसमान का अंतर है। रायपुर संभाग में 17048, बस्तर संभाग में 21629, बिलासपुर संभाग में 6512, दुर्ग संभाग में 28246 और सरगुजा संभाग में 9878 मैट्रिक टन धान कम पाए गए, जिसका साथ मतलब है कि सरकार के संरक्षण में पूरे प्रदेश में 84 हजार मैट्रिक टन से ज्यादा धान गायब कर दिया गया है।