ओशो आश्रम उमदा रोड भिलाई-3 में तीन दिवसीय ध्यान शिविर का शुभारंभ

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महापौर निर्मल कोसरे हुए शामिल, ध्यान और आध्यात्मिक ऊर्जा पर की चर्चा

भिलाई। ओशो आश्रम उमदा रोड भिलाई-3 में सोमवार से तीन दिवसीय विशेष ध्यान शिविर का शुभारंभ हुआ। यह ध्यान शिविर गुरु नानक जयंती के पावन अवसर पर आयोजित किया गया है। जिसका संचालन ओशो संन्यासी स्वामी शशिकांत सदैव कर रहे हैं। शिविर का उद्देश्य ध्यान, आत्म-जागरूकता और जीवन में आंतरिक शांति के मार्ग को समझना है।

शिविर के उद्घाटन अवसर पर भिलाई-चरोदा नगर निगम के महापौर निर्मल कोसरे मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने ओशो के विचारों और ध्यान की प्रक्रिया पर गहन चर्चा करते हुए कहा कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में मन की शांति पाना अत्यंत आवश्यक है। ध्यान के माध्यम से व्यक्ति अपने भीतर की ऊर्जा से जुड़ सकता है और समाज में सकारात्मकता का प्रसार कर सकता है।

महापौर कोसरे ने कहा कि भिलाई जैसे औद्योगिक शहर में ऐसे आध्यात्मिक आयोजन लोगों को मानसिक रूप से सशक्त बनाने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने आश्रम के वातावरण की सराहना करते हुए कहा कि यह स्थल न केवल ध्यान के लिए उपयुक्त है, बल्कि यहां आने वाला हर व्यक्ति भीतर से एक नई ऊर्जा लेकर लौटता है। इस अवसर पर ओशो संन्यासियों और साधकों ने महापौर से आश्रम के विकास और ध्यान साधकों के लिए बुनियादी सुविधाओं के विस्तार की मांग की। इनमें ध्यान कक्ष के विस्तार, जल व्यवस्था, प्रकाश व्यवस्था और परिसर सौंदर्यीकरण जैसे सुझाव शामिल थे। महापौर कोसरे ने सभी मांगों को गंभीरता से सुनते हुए आश्रम का स्थल निरीक्षण किया और कहा कि नगर निगम स्तर पर इन मांगों के क्रियान्वयन पर शीघ्र कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि “भिलाई का यह ओशो आश्रम शहर के लोगों के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र बन सकता है, और प्रशासन इसके विकास में हरसंभव सहयोग देगा।”

शिविर के प्रथम दिन स्वामी शशिकांत सदैव ने उपस्थित साधकों को ओशो की ध्यान विधियों के माध्यम से जागरूकता और निश्चलता की दिशा में मार्गदर्शन दिया। उन्होंने बताया कि ध्यान केवल बैठकर आंखें बंद करने का नाम नहीं, बल्कि यह जीवन जीने की एक कला है। जब व्यक्ति पूर्ण सजगता के साथ अपने हर कर्म को करता है, तभी सच्चे ध्यान की शुरुआत होती है।
शिविर में भिलाई, रायपुर, दुर्ग, बालोद, राजनांदगांव और आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में साधक शामिल हुए। सभी ने पहले दिन के सत्र में सक्रिय भागीदारी निभाई और ध्यान के अनुभव को साझा किया।

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तीन दिवसीय इस शिविर में प्रत्येक दिन प्रातःकालीन ध्यान, प्रवचन सत्र, नृत्य ध्यान और संध्याकालीन मौन ध्यान जैसे विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। अंतिम दिन समूह ध्यान सत्र के बाद सामूहिक प्रार्थना के साथ शिविर का समापन होगा।
ओशो आश्रम भिलाई-3 के इस आयोजन ने न केवल साधकों में उत्साह जगाया है बल्कि यह भिलाई क्षेत्र के लिए आध्यात्मिक चेतना का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनता जा रहा है।

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