भक्ति में बाधा बन रहा निगम का सुस्त रवैया
भिलाई। छठ महापर्व के आगमन के साथ शहर में भक्ति और उल्लास का माहौल तो चरम पर है, लेकिन प्रशासनिक तैयारियों की पोल खुलने लगी है। भिलाई-चरोदा नगर निगम क्षेत्र में स्थित प्रमुख तालाबों की स्थिति देखकर साफ है कि निगम आयुक्त सहित अन्य अधिकारी इस पर्व को लेकर गंभीर नहीं हैं। श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़े इस महापर्व की तैयारियों में लापरवाही अब खुलकर सामने आ चुकी है।
भिलाई-3 के बंधवा तालाब में सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति की गई है। घाटों पर कीचड़ और गंदगी फैली हुई है, जिससे श्रद्धालुओं को भारी असुविधा का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, एक घाट पर भारी-भरकम पेड़ उखड़ा पड़ा हुआ है, जो भीड़ के दौरान किसी बड़े हादसे का कारण बन सकता है। इसके बावजूद नगर निगम प्रशासन मौन है।
श्रद्धालुओं ने बताया कि उन्होंने कई बार निगम को सूचना दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। “छठी मइया के पर्व में पूरा परिवार घाट पर जाता है। ऐसे में पेड़ और गंदगी से खतरा बना हुआ है। इसी तरह गतवा तालाब की स्थिति भी अत्यंत खराब बताई जा रही है।
घाट व आसपास कचरे के ढेर लगे हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि निगम की ओर से सफाई की व्यवस्था नहीं की गई है। ऐसे में तालाब में कैसे उतरेंगे। सोमवार को व्रती महिलाएँ डूबते सूर्य को पहला अर्घ्य और मंगलवार की सुबह उगते सूर्य को दूसरा अर्घ्य अर्पित करेंगी। ऐसे में निगम की तैयारी न के बराबर दिख रही है।
लोगों का कहना है कि निगम अधिकारियों की इस उदासीनता से कभी भी अप्रिय घटना हो सकती है। स्थानीय सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि तुरंत तालाबों की सफाई कराकर सुरक्षा इंतजाम सुनिश्चित किए जाएं। श्रद्धालुओं का कहना है कि यदि समय रहते सुधार नहीं हुआ, तो वे मजबूर होकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

आज से शुरू होगा पर्व
शनिवार को व्रतधारी महिलाएं नहाय-खाय के साथ इस चार दिवसीय महापर्व की शुरुआत करेंगी। रविवार को खरना का प्रसाद बनाते समय घरों में पवित्रता और भक्ति का अद्भुत संगम दिखेगा। सोमवार की शाम जब डूबते हुए सूर्य देव को तालाब किनारे अर्घ्य दिया जाएगा, तो पूरा वातावरण छठी मइया के गीतों से गूंज उठेगा। अंततः मंगलवार की भोर में उगते सूरज को अर्घ्य देकर व्रती महिलाएँ अपने इस कठिन तप को पूर्ण करेंगी।