छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी की तैयारियों और जिम्मेदार अफसरों की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं
भिलाई। जब पूरा शहर दीपों की रोशनी से नहाया हुआ था, बाजार रौनक से भरे थे और घर रंग-बिरंगी लाइटों से सजे थे, तब भिलाई-3 के कई मोहल्लों में बिजली गुल होने से अंधेरा छा गया। दिवाली जैसे बड़े त्यौहार पर दो दिनों तक बिजली की आंखमिचौली ने न सिर्फ लोगों को परेशान किया, बल्कि छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी की तैयारियों और जिम्मेदार अफसरों की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कंपनी ने पहले ही दावा किया था कि दिवाली के दौरान निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए बाकायदा प्री-मेंटेनेंस अभियान चलाया गया और घंटों का शटडाउन भी लिया गया। लेकिन रविवार की रात और फिर मंगलवार को दीपावली की पूर्व संध्या पर बिजली गुल हो गई। मंगलवार को रात करीब आठ बजे बिजली गुल हुई, जो 10 मिनट बाद लौटी, लेकिन इस दौरान मोहल्लों में अंधेरा छा गया और त्योहार का उत्साह फीका पड़ गया।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह कोई साधारण तकनीकी खामी नहीं, बल्कि व्यवस्था की नाकामी है। लोगों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि अगर दीपावली जैसे महत्वपूर्ण पर्व पर भी बिजली की गारंटी नहीं दी जा सकती, तो शेष दिनों में क्या हाल होगा?
सवाल यह भी उठ रहा है कि मेंटेनेंस के नाम पर जिन क्षेत्रों में घंटों बिजली बंद रखी गई, आखिर वह तैयारी किस काम आई? और अगर उसके बावजूद ऐसी गड़बड़ी हो रही है, तो क्या बिजली कंपनी के जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ कागज़ी कार्रवाई कर खानापूर्ति में लगे हैं?