रायपुर में सीबीआई की छापेमारी: समाज कल्याण विभाग से दस्तावेज जब्त, आईएएस-एनजीओ घोटाले में जांच तेज

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कोर्ट ने मामले को गंभीर मानते हुए 6 आईएएस अधिकारियों समेत 12 अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं

रायपुर । राजधानी रायपुर में सीबीआई की टीम ने सोमवार को समाज कल्याण विभाग के कार्यालय में छापेमारी की। यह कार्रवाई मशहूर आईएएस-एनजीओ घोटाले से जुड़ी है, जिसमें करोड़ों रुपये के सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप है। टीम ने मौके पर पहुंचकर महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए और विभाग के उप संचालक से चर्चा के बाद दस्तावेज लेकर रवाना हो गई।

इस बहुचर्चित घोटाले में एक मंत्री और सात आईएएस अफसरों पर आरोप है कि उन्होंने 2004 से 2016 के बीच फर्जी एनजीओ बनाकर समाज कल्याण योजनाओं के नाम पर सरकारी राशि का दुरुपयोग किया। बताया जा रहा है कि इन योजनाओं के तहत जारी अनुदानों को कागजों पर एनजीओ के माध्यम से खर्च दिखाया गया, जबकि वास्तविक कार्य नहीं हुआ।

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के निर्देश के बाद सीबीआई को इस घोटाले की जांच सौंपी गई है। कोर्ट ने मामले को गंभीर मानते हुए 6 आईएएस अधिकारियों समेत 12 अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। यह निर्देश समाजसेवी संगठनों की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया।

घोटाले की मुख्य बातें:

फर्जी एनजीओ के ज़रिए करोड़ों का सरकारी धन निकाला गया।

2004 से 2016 तक चले इस घोटाले में बड़े स्तर पर कागज़ी योजनाएं बनाई गईं।

सीबीआई ने समाज कल्याण विभाग से जुड़े दस्तावेज जब्त किए।

उप संचालक से पूछताछ कर दस्तावेजों के आधार पर जांच आगे बढ़ाई जाएगी।

सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई जल्द ही संलिप्त अधिकारियों से पूछताछ कर सकती है और संपत्तियों की जांच के लिए अगली कार्रवाई की तैयारी कर रही है। घोटाले में जिन आईएएस अफसरों और मंत्री का नाम सामने आया है, उनके विरुद्ध शासन स्तर पर भी बड़ी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।

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