भिलाई, सिंधी पंचायतों की बैठक में सामाजिक एकजुटता व धर्मांतरण विरोधी पहल पर मंथन

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बैठक में समाज को एकता, अनुशासन और संस्कृति से जोड़ने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए

भिलाई की सभी सिंधी पंचायतों की महत्वपूर्ण बैठक हुई संपन्न, सामाजिक एकजुटता से वैश्विक विरासत सिंधी भाषा-बोली को जीवंत रखने हेतु शहर स्तर पर जारी हुए आदेश-निर्देश, धर्मांतरण से समाज को बचाने के लिए शुरू होगी पहल।

भिलाई : रविवार, भिलाई शहर की सभी सिंधी पंचायतों की एक महत्वपूर्ण बैठक पहली बार न्यू खुर्सीपार स्थित सिंधी भवन में आहूत की गई। इस ऐतिहासिक बैठक में भिलाई शहर की प्रमुख सिंधी पंचायतों के पदाधिकारी एवं कमेटी सदस्य सम्मिलित हुए।

इस बैठक में वैशाली नगर श्रीराम सिंधी पंचायत के अध्यक्ष दिलीप पवानी, हाउसिंग बोर्ड आदर्श सिंध ब्रादर मंडल के अध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र कृष्णानी, खुर्सीपार पूज्य सिंधी पंचायत के अध्यक्ष गोपाल दास चंदवानी, कैलाश वरंदानी, सेक्टर 4 सिंध ब्रदर मंडल के अध्यक्ष जय कुमार अंबवानी, कैंप 2 गुरुनानक सिंधी पंचायत के अध्यक्ष मनोज माखीजा, तथा पूज्य सिंधी पंचायत भिलाई-3 के अध्यक्ष शामनलाल नत्थानी सहित सभी पंचायतों के कमेटी मेंबर उपस्थित थे।

बैठक में समाज को एकता, अनुशासन और संस्कृति से जोड़ने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:

चेट्रीचंड्र पर्व के दिन भिलाई शहर के सिंधी समाज के सभी प्रतिष्ठानों (दुकानों) को पूर्णतः बंद रखने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। आदेश का उल्लंघन करने पर शहर कमेटी द्वारा कार्यवाही की जाएगी।

चेट्रीचंड्र महोत्सव के एक दिन पूर्व, शहर में सभी पंचायतों की एकजुटता से एक भव्य बाइक एवं कार रैली निकाली जाएगी, जिसमें साईं झूलेलाल के संदेश – “प्रकृति का संरक्षण” – का प्रचार-प्रसार किया जाएगा।

प्रत्येक सिंधी परिवार को जिस क्षेत्र में वे निवास करते हैं, उस क्षेत्र की स्थानीय पंचायत से जुड़ना अनिवार्य होगा, साथ ही वहां के नियमों एवं अनुशासन का पालन भी आवश्यक होगा।

समाज में पगड़ी रस्म का समय शाम 5:00 बजे निर्धारित किया गया है।

पंडितों द्वारा कराए जाने वाले धार्मिक अनुष्ठानों हेतु सेवा शुल्क निर्धारित करने पर चर्चा की गई, जिससे पारदर्शिता बनी रहे।

हाउसिंग बोर्ड सिंधी समाज के अध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र कृष्णानी ने समाज के युवाओं से अपने ही समाज में विवाह करने का आग्रह किया, जिससे सिंधी भाषा और परंपरा का संरक्षण किया जा सके। उन्होंने यह भी अपील की कि घर के हर सदस्य को आपस में सिंधी भाषा में संवाद करना चाहिए। इस प्रस्ताव का उपस्थित सभी सदस्यों ने करतल ध्वनि से समर्थन किया और अपनी-अपनी पंचायतों में इस निर्णय को लागू करने की प्रतिबद्धता जताई।

डॉ धर्मेंद्र कृष्णानी, जय अंबवानी, दिलीप पवानी, शामनदास नत्थानी, मनोज माखीजा, गोपाल दास चंदवानी, कैलाश वरंदानी, धरमदास बत्रा, राकेश नागदेव, गोपीचंद राजपलानी, मनोहर लाल थदानी, रामचंद्र छुगानी, अशोक मूलचंदानी, ठाकुर साधवानी, नरेश माखी, मिट्ठू मेघवानी, रमेश कुमार छतीजा, नानक छतीजा, ओमप्रकाश सचदेव, मनोज आहूजा, नवीन वरंदानी, हरीश लालवानी, नरेश नागदेव, सुभाष भगत, लालचंद तोलानी, हरीश कुमार, महेश नारायणी सहित सभी पंचायतों के सक्रिय कमेटी सदस्यगण उपस्थित थे।

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