मृतक को ड्यूटी से बिना कारण अनुपस्थित दर्शाया जा रहा था, जिससे वे तनाव में थे
रायपुर। राजधानी रायपुर के पुलिस लाइन परिसर में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहाँ पदस्थ प्रधान आरक्षक राम आसरा पोरते ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वे वाहन शाखा में चालक के रूप में तैनात थे। यह घटना बुधवार सुबह की है, जिसने पुलिस विभाग सहित पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार, राम आसरा का शव पुलिस लाइन परिसर स्थित सामुदायिक भवन के पास फंदे पर लटका हुआ पाया गया। घटना की सूचना मिलते ही वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और आवश्यक कानूनी प्रक्रिया (पंचनामा) के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
परिवारजनों ने दबी जुबान में बताया कि राम आसरा पिछले कुछ समय से मानसिक दबाव में थे। उनका आरोप है कि एक शाखा के प्रभारी द्वारा उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था। बताया गया कि मृतक को ड्यूटी से बिना कारण अनुपस्थित दर्शाया जा रहा था, जिससे वे तनाव में थे।
मृतक के परिजनों का कहना है कि राम आसरा बेहद ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ और शांत स्वभाव के व्यक्ति थे। उनके अनुसार, विभाग में उन्हें जिस तरह का व्यवहार झेलना पड़ा, वह असहनीय था और शायद यही वजह रही कि उन्होंने आत्मघाती कदम उठा लिया।
इस घटना ने पुलिस विभाग की आंतरिक कार्यशैली और अनुशासन प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अक्सर यह देखा गया है कि उच्चाधिकारियों के दबाव और मानसिक उत्पीड़न के चलते पुलिसकर्मी तनावग्रस्त हो जाते हैं, और कभी-कभी बात इतनी गंभीर हो जाती है कि वे आत्महत्या जैसा कदम उठाने पर मजबूर हो जाते हैं।
फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ कर दी है। वरिष्ठ अधिकारी हर पहलू की गहराई से जांच कर रहे हैं कि क्या आत्महत्या के पीछे व्यक्तिगत कारण थे या वाकई विभागीय उत्पीड़न ने राम आसरा पोरते को ऐसा कदम उठाने पर मजबूर किया।