दुर्ग में तूफान से बाधित बिजली आपूर्ति, कर्मियों ने कुछ घंटों में बहाल की सेवा

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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देशों का पालन करते हुए, पूरी तत्परता के साथ काम किया

दुर्ग। हाल ही में आए आंधी-तूफान ने दुर्ग जिले में बिजली आपूर्ति को बुरी तरह प्रभावित किया, जिससे लगभग 71 स्थानों पर पेड़ की शाखाएं बिजली की लाइनों पर गिर गई और 64 बिजली ख्ंभे क्षतिग्रस्त हो गए।

लेकिन सीएसपीडीसीएल दुर्ग के कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देशों का पालन करते हुए, पूरी तत्परता के साथ काम किया और कुछ ही घंटों में बिजली आपूर्ति को सामान्य कर दिया, जिससे चंद घंटों में ही क्षेत्र में रोशनी लौट आई।
मंगलवार रात्रि 11 बजकर 30 मिनट पर आए आंधी-तूफान के कारण दुर्ग रीजन के 133 क्षेत्र के फीडर ट्रिप हो गए थे। इसके बाद बिजली विभाग के कर्मचारी एवं आउटसोर्स कर्मचारी तुरंत मौके पर पहुंचे और सुधार कार्य शुरु कर दिया। उन्होंने लगभग 188 जगहों से एचटी और एलटी लाइनों पर गिरी पेड़ों की शाखाओं को हटाया। इस तूफान में 64 बिजली के ख्ंभे (दो 33 केवी, छः 11 केवी एवं 56 एलटी के खंभे) क्षतिग्रस्त हुए, 750 ट्रांसफार्मरों के डीओ फ्यूज और 908 ट्रांसफार्मरों के एलटी फ्यूज उड़ गए।
उल्लेखनीय है कि ऋषभ नगर दुर्ग, रुआबांधा, पुष्प वाटिका, आनंद नगर, आदर्श नगर, नेहरु नगर, डुन्डेरा, सिविल लाइन डी-वन, शिव मंदिर बोरसी, स्मृति नगर भिलाई आदि क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति सबसे ज्यादा प्रभावित हुई थी, क्योंकि इन स्थानों में विद्युत लाइनों पर बड़े पेड़ों की शाखाएं गिर गई थी। सीमित कर्मचारियों के बावजूद, बिजली विभाग ने आस-पास के कार्यालयों के लाइन स्टॉफ की मदद से अतिरिक्त टीमें बनाई और युद्ध स्तर पर काम शुरु किया। पहले सभी 33 के.व्ही. फीडर्स को सेक्शनलाइज कर अधिकतम क्षेत्र चालू किया गया उसके पश्चात् फाल्ट दुरुस्त कर शेष लाइन भी चालू की गयी। सभी जोन में डी.ओ. फ्यूज/एल.टी. फ्यूज बनाने हेतु समीप के कर्मचारियों की सहायता से अतिरिक्त गैंग बनाकर तथा फ्यूज ऑफ कॉल ठेकेदार से अतिरिक्त गैंग लेकर सीमित समय सीमा में दुरुस्तीकरण की कार्यवाही की गयी। 

स्काई लिफ्ट वाहन एवं कर्मचारियों की मदद से लाइनों में गिरे पेड़ों को काटकर हटाने एवं तारों में अटके फ्लेक्स और झंडे को हटाकर लाइन चालू किया गया। विभिन्न जोन के सहायक यंत्रियों, कनिष्ठ यंत्रियों द्वारा भी अपने साथ तकनीकी कर्मचारी को लेकर अलग-अलग लाइनों में विद्युत व्यवधान को दूर किया गया। ज्यादातर उपभोक्ताओं को 2 घंटे में राहत मिल गई थी, वहीं बड़े फॉल्ट को भी बुधवार अगस्त की सुबह तीन बजे तक ठीक कर दिया गया एवं शेष कुछ कठिन कार्य को भी शीघ्र ही दुरुस्त कर लिया गया। उपभोक्ताओं ने भी विद्युत कर्मियों के कार्यों की भूरी-भूरी प्रशंसा की। मुक्त नगर बोरसी जोन की उपभोक्ता सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश मैत्रेयी माथुर ने कहा कि आंधी-तूफान की वहज से हमारे घर के सामने एक बड़ा पेड़ बिजली के तारों पर गिर गया था जिससे टूटे हुए तार सड़क पर पड़े थे जिससे राहगिरों को खतरा था। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग की ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने की व्यवस्था को सलाम, ढेरों शिकायत और हर तरफ फैली भयावह स्थिति के बावजूद विद्युत विभाग ने तेजी से कार्य किया। उन्होंने कहा कि मैं इतनी कड़ी मेहनत और त्वरित गति से कार्य करने वाले टीमों की सराहना करती हूं। उन्होंने कहा कि सफलता तभी मिलती है जब आप कड़ी मेहनत करते हैं और पूरी तरह समर्पित रहते हैं, ऐसे ही लोग हमारे देश को तेजी से प्रगति की ओर ले जा रहे हैं।

जनता से सहयोग की अपील
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के एम.डी. भीमसिंह कंवर ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं प्रदेश के ऊर्जा सचिव तथा छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कंपनियों के अध्यक्ष सुबोध कुमार सिंह एवं डॉ.रोहित यादव द्वारा राज्य मुख्यालय स्तर पर लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है। सीएसपीडीसीएल दुर्ग रीजन के मुख्य अभियंता संजय खंडेलवाल ने जनता से अपील किया है कि ऐसी प्राकृतिक आपदाओं के समय धैर्य रखें और बिजली कर्मियों को सहयोग दें, क्योंकि सुधार तथा आपूर्ति बहाली का कार्य मानवीय श्रम से ही संभव होता है। विद्युत संचालन-संधारण की कार्यदशाओं और विपरीत मौसम में होने वाले जोखिम को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए ताकि चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में कार्य करने के लिए उनका मनोबल बना रहे। विद्युत का पारेषण तथा वितरण तंत्र खुले में रहता है, जिसके कारण इस पर प्राकृतिक आपदा का, तेज आँधी-तूफान, बिजली चमकने-गिरने, बहुत तेज बारिश होने का असर होता है। प्राकृतिक आपदाओं से बिजली वितरण प्रणाली पर असर पड़ता है, और ऐसे में उपभोक्ताओं का धैर्य ही कर्मियों का मनोबल बनाए रखता है।

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