सौभाग्य से मानव तन मिला, रोज जिससे मिलो उसकी केवल अच्छाई ग्रहण करो आपमें भी अच्छाई आना शुरू हो जाएगी – पंडित प्रदीप मिश्रा

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आज के जमाने में हर वस्तु उधार मिल सकती है पर पुण्य कभी उधार नहीं मिलता, वह कमाना ही पड़ेगा – पंडित प्रदीप मिश्रा

लाखों भक्तों को कथा श्रवण कराने और उनके लिए संुदर व्यवस्था बनाने के लिए पंडित प्रदीप मिश्रा ने श्री दया सिंह को साधुवाद दिया

भिलाई। जयंती स्टेडियम के मैदान में आयोजित िशवमहापुराण कथा के छठवें िदन भगवान भोलेनाथ की करूणा, उदारता और कृपा का वर्णन िकया। कथा की शुरूआत में अंतरराष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा  ने िभलाई नगर के रहवािसयों को पवित्र िशवमहापुराण कथा श्रवण का लाभ दिलाने के िलए बोल बम सेवा एवं कल्याण समिति के संस्थापक व उप नेता प्रतिपक्ष  दया सिंह  को बहुत-बहुत साधुवाद दिया।
पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने बताया िक आचार्य  विद्यासागर महाराज ने बहुत सुंदर विचार कहे हैं कि हमें सौभाग्य से मानव तन मिला है, हम रोज सैकड़ों, हजारों, लाखों लोगों से मिलते हैं, हमें केवल उनकी अच्छाइयां ही ग्रहण करना है। जिस तरह हम भोजन की थाली में सबसे पहले खाने के लिए श्रेष्ठ ही चुनते हैं, जैसे हम कहीं जाने के आलमारी से श्रेष्ठ वस्त्र ही निकालते हैं, उसी तरह हमें लोगों की अच्छी बातें ही ग्रहण करनी है। आचार्य विद्यासागर महाराज कहते हैं कि जब हम अच्छा ही गुण चुनना शुरू करते हैं तो हमारे जीवन में अच्छाइयां स्वयं आती जाती हैं।
पंडित प्रदीप मिश्रा  ने कहा िक एक नाम, एक उपनाम के अनेक व्यक्ति हो सकते हैं, लेकिन मेरे शंकर भगवान के यहां आपका नाम नहीं चलता, उनके यहां नाम से कोई मतलब हैं, शंकर भगवान के यहां तो केवल एक ही चलती है, वह आपके हृदय का प्रेम। चाहे आप महल में रहकर करो या झोपड़ी में रहकर प्रेम करो। रामजी रावण को मारने के लिए वन से होकर गए, लेकिन वे तो रावण काे घर में रहकर भी मार सकते थे। वे रावण को मारने नहीं, बल्कि मां शबरी को दर्शन देने गए थे। एक भक्ति का बल होता है, उसके लिए भगवान को भक्त के दरवाजे तक आना ही पड़ता है। पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि आज सावन की सोमवारी है, मैं विश्वास से कहता हूं, जितने लोग दिल से कथा सुनते हैं, अगली बार फिर जब कथा होगी, आपकी झोली खुशियों से भरी होगी। पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि आज के जमाने में संसार की हर वस्तु उधार मिल सकती है पर पुण्य कभी उधार नहीं मिलता। वह तो आपकाे कमाना ही पड़ेगा। सोमवार की कथा में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पत्नी  कौशिल्या साय, पूर्व मंत्री एवं विधायक  अमर अग्रवाल, आईजी  रामगोपाल गर्ग सहपरिवार, विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा, दुर्ग नगर निगम की महापौर अलका बाघमार, धर्मेंद्र यादव, विधायक देवेंद्र यादव की माता  पुष्पा देवी यादव ने व्यासपीठ का पूजन किया।


कथा शिवजी से मन जोड़ने के लिए जाओ भीड़ बढ़ाने मत जाओ
मन को जोड़ने के लिए, भाव बढ़ाने के िलए, शिव को पाने के लिए शिवमहापुराण कथा में जाओ, भीड़ बढ़ाने मत जाओ। उन्होंने कहा कि आयोजक दया सिंह ने इतने भक्तों की संख्या के बावजूद सुंदर व्यवस्था की है, दया सिंह जी का साधुवाद। भिलाई के कथास्थल पर प्रतिदिन सुबह से शाम तक लगभग 2 लाख से अधिक भक्त भोजन प्रसादी ले रहे हैं। साथ में संपूर्ण छत्तीसगढ़ शासन, भिलाई नगर के सभी विभाग के अाला अधिकारी सबको धन्यवाद देता हूं कि आप सभी की मेहनत कथा को आज छठवें दिन तक लेकर आई है। सभी ने मिलकर कितनी अच्छी व्यवस्था की है।

शिवकथा मनुष्य के कष्ट काे दूर करना सिखाती है

पं. प्रदीप मिश्रा जी ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि वो सीहोर वाला महाराज शिवमहापुराण में केवल उपाय-उपाय बताता रहता है, लेकिन सिर्फ सिहोर वाला महाराज नहीं, त्रेतायुग में श्री दशरथ जी महाराज ने, द्वापर में भगवान श्रीकृष्ण ने भी अपने गुरुजी से पूछा था कि मेरे घर में औलाद कैसे होगी। वेदव्यासजी ने कहा रामचरित मानस मनुष्य को जीना सिखाती है, श्रीमद् भागवत मृत्यु कैसा होना चाहिए बताती है और शिवमहापुराण कथा अपने दुखों को कैसे मिटाया जाय, कष्ट कैसे दूर किया जाय, यह सिखाती है। िशवमहापुराण कथा में वो शक्ति है, जो हर भक्त की पीड़ा को दूर करती है।


भक्तों ने पत्र में िशवजी की महिमा बताई
भक्त प्रिया जाना, बापू नगर खुर्सीपार ने पत्र में लिखा िक मेरी मौसी की शादी को 49 साल हो गए थे, उन्हें कोई बच्चा नहीं था। सभी जगह के डॉक्टरों ने मना कर िदया था। मैंने उन्हें आपकी कथा और शिवजी की महिमा बताई। उन्होंने उम्र की बात कहते हुए पर निराशा जताई परंतु मैंने उन्हें भरोसा दिलाया। तब मौसी ने पशुपति व्रत कि, कथा सुनी। 50 वर्ष बाद मेरी मौसी के घर में जुलाई 2025 में पुत्र रत्न की प्राप्ति हो गई। ममता सोनी जेवरा सिरसा दुर्ग ने पत्र में पूरे छत्तीसगढ़ की दीदियों की ओर से पंडित जी का राखी भेजी। पत्र में बताया कि 10 सालों से मुझे लीवर में परेशानी थी। कुबेरेश्वर धाम गई वहां से रूद्राक्ष लाया, रोज जल का सेवन करती रही। अब लीवर की समस्या दूर हो गई। मैं शिवजी को प्रणाम करने आई हूं। मनीषा गुप्ता न्यू खुर्सीपार ने पत्र में लिखा िक मेरे पापा राउरकेला उड़िसा में रहते हैं, उनके पेट में तकलीफ थी। लीवर मेंे पानी भर गया था। उन्हें रायपुर में डॉक्टर को दिखाया। डॉक्टरों ने कहा िक ठीक नहीं हुआ तो लीवर ट्रांसप्लांट करना पड़ेगा। राेज दवाई कुंदकेश्वर महादेव का नाम लेकर खाया। बाबा की कृपा से लीवर ठीक हो गया।

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