भिलाई। सावन मास के पवित्र अवसर पर भिलाई-चरौदा क्षेत्र भक्ति और आस्था के रंग में सराबोर हो उठा, जब बोलबम के जयघोष के साथ हजारों कांवड़िए पवित्र जल लेकर देवबलोदा स्थित ऐतिहासिक शिव मंदिर की ओर कूच किए। नगर निगम भिलाई-चरौदा के वार्ड क्रमांक 21 चरोदा बस्ती स्थित प्राचीन कुएं से जल लेकर भक्तों ने नंगे पांव लगभग 10 किलोमीटर की दूरी तय की और भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर पुण्य लाभ अर्जित किया।
इस विशाल कांवड़ यात्रा का नेतृत्व नगर निगम के महापौर निर्मल कोसरे एवं सभापति कृष्णा चंद्राकर ने किया। यात्रा में शामिल शिवभक्तों का उत्साह देखने योग्य था। सड़कों पर बम भोले के जयघोष, घंटे-घड़ियालों की ध्वनि और शिव भजनों की मधुर गूंज ने पूरे वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।
इस आयोजन की विशेषता रही भगवान शंकर की भव्य और आकर्षक झांकियां, जो श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बनी रहीं। यात्रा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता, एकता और समर्पण का जीवंत उदाहरण बन गई।
प्राचीन परंपराओं का निर्वहन करते हुए युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक सभी ने बढ़-चढ़कर सहभागिता दी। आयोजन में सुजीत बघेल, मनोज मढ़रिया, मोहन साहू, पप्पू चंद्राकर, ईश्वर साहू, एम. जानी, युवराज कश्यप, टेनेन्द्र ठाकरे, अशफाक अहमद, टिपेश साहू, मोहम्मद जुनैद, डाली वर्मा, मोहन साहू ,पप्पू चंद्राकर, एस वेंकटरमन, ईश्वर साहू, दीप्ति आशीष वर्मा, भूपेंद्र वर्मा, अभिषेक वर्मा, मनीष वर्मा, गिरजा शंकर, दीपेश साहू, टेनेन्द्र ठाकरे , एम जॉनी, देव कुमारी भल्लवी, कुमुद, कालिंद्री नायक, लक्ष्मी बंछोर, डाली वर्मा, मिलिंद , राकेश वर्मा, हेमंत वर्मा, गुलमोहर वर्मा, शरद यादव, इंद्रजीत यादव, अशफाक अहमद, मोहम्मद आमिर, नज़रुल इस्लाम, तौहीद खान, संतोष मंडप, भागीरथी निर्मलकर, बी एन राजू, मनोज कुमार, देव कुमारी भल्लवी, संतोष तिवारी, विनोद निषाद, तरुण साहू, ललित दुर्गा, तामेश्वरी साहू, मंजू साहू ,गायत्री साहू, डे साहब वर्मा, लावेश मदनकर, धर्मेंद्र कोसरे, संजय यादव, नरेंद्र वर्मा, प्रकाश दुर्गा एवं अनेक कार्यकर्ता और श्रद्धालु सक्रिय रहे।






इस दौरान चरोदा में छत्तीसगढ युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव नजरूल के द्वारा कांवरियों पर फूलों की वर्षा कर फलाहार बांटा गया। इधर सिरसा गेट पर कांग्रेस के वरिष्ठ कार्यकर्ता सुजीत बघेल के नेतृत्व में मुस्लिम समाज के लोगों ने फलाहार वितरण किया। इसके अलावा कई अन्य स्थानों पर भी रास्ते में कावंरियों का स्वागत व फल वितरण किया गया। देवबलोदा महादेव मंदिर में कांवड़ियों द्वारा जलाभिषेक के साथ यात्रा का समापन हुआ। यह आयोजन क्षेत्र में भक्ति, अनुशासन और सांस्कृतिक जागरूकता का प्रतीक बनकर उभरा
