छत्तीसगढ़ में 10 से 20 पैसे प्रति यूनिट मंहगी हुई बिजली

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राज्य विद्युत नियामक आयोग ने दी स्वीकृति

01 जुलाई से हो रही बिजली खपत पर किया गया लागू

भिलाई। छत्तीसगढ़ राज्य बिजली कंपनी ने एक जुलाई से बिजली की दर में प्रति यूनिट 10 से 20 पैसे की वृद्धि कर दी है।
राज्य विद्युत नियामक आयोग ने इसका आदेश जारी कर दिया।इसमें कहा गया है कि बिजली कंपनी ने राजस्व आवश्यकता की पूर्ति को देखते हुए वृद्धि की मांग की थी।
विद्युत वितरण कंपनी द्वारा मांग की गई वार्षिक राजस्व आवश्यकता रू.28397.64 करोड़ के स्थान पर रू.25636.38 करोड़ मान्य किया गया है। वितरण कंपनी द्वारा आगामी वित्तीय वर्ष हेतु अनुमानित विद्युत विक्रय 35727 मिलियन यूनिट के स्थान पर 36540
मिलियन यूनिट मान्य किया गया है। इसी तरह वितरण कंपनी द्वारा वित्तीय वर्ष 2025.26 के लिए
विद्युत की अनुमानित बिक्री पर प्रचलित टैरिफ से अनुमानित रू.4947.41 करोड़ राजस्व घाटे के स्थान
पर रू.523.43 करोड़ मान्य किया गया है। आैसत विद्युत प्रदाय दर एवं आैसत विद्युत बिलिंग दर .
वित्तीय वर्ष 2025.26 के लिए आैसत विद्युत प्रदाय दर रू.7.02 प्रति यूनिट अनुमानित की गई है। आयोग द्वारा वर्तमान टैरिफ आदेष में लिए गए निर्णयाें के फलस्वरूप आैसत विद्युत बिलिंग दर रू.7.02 प्रति यूनिट अनुमानित है। तदनुसार वर्तमान प्रचलित दर से विद्युत
दराें में आैसत 1.89 प्रतिषत की वृद्धि अनुमोदित की गई है।

वर्तमान आदेश के मुख्य बिन्दु.
घरेलु उपभोक्ता

  • घरेलू उपभोक्ताआें के विद्युत दराें में 10 पैसे प्रति यूनिट से 20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई
    है।
  • गोशाला, शासन द्वारा अधिसूचित बस्तर एवं दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्रधिकरण तथा सरगुजा
    एवं उत्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण क्षेत्राें में आने वाले स्टे.होम्स में प्रयुक्त होने वाली विद्युत पर
    घरेलू विद्युत दर लागू करने हेतु घरेलू उपभोक्ता श्रेणी में सम्मिलित किया गया है।
  • घरेलु उपभोक्ता श्रेणी के अन्तर्गत लिए गए अस्थाई कनेक्षन पर नार्मल टैरिफ का 1.5 गुना टैरिफ
    के स्थान पर नार्मल टैरिफ का 1.25 गुना टैरिफ लागू किया गया है।
    गैर घरेलू उपभोक्ता
  • गैर घरेलू उपभोक्ताआें के विद्युत दराें में 25 पैप्रतिषतसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है।
  • आफसेट प्रिन्टर्स एवं प्रिंटिंग प्रेस उपभोक्ताआें को स्टेज 2 से हटाकर स्टेज 5 श्रेणी में सम्मिलित
    किया गया है।
  • गैर घरेलु उपभोक्ता श्रेणी के अन्तर्गत लिए गए अस्थाई कनेक्षन पर भी नार्मल टैरिफ का 1.5
    गुना टैरिफ के स्थान पर नार्मल टैरिफ का 1.25 गुना टैरिफ लागू किया गया है।
  • राज्य शासन द्वारा अधिसूचित वाम चरमपंथी प्रभावित जिलाें में संचार व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु
    मोबाईल टॉवर की स्थापना को प्रोत्साहित करने हेतु इन क्षेत्राें में आने वाले सभी मोबाईल टावराें
    को ऊर्जा प्रभार में 10 प्रतिशत की छूट का प्रावधान किया गया है।
    कृषि एवं कृषि संबंधी उपभोक्ता
  • कृषि पम्पाें के लिए विद्युत की दराें में 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है।
  • गैर सबसिडी वाले कृषि विद्युत पंप वाले उपभोक्ताआें को ऊर्जा प्रभार में 20 प्रतिशत की छूट को
    बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दिया गया है।
  • किसानाें को खेताें में लगे विद्युत पम्पाें आैर खेताें की रखवालीप्रतिषत के प्रयोजनार्थ पम्प कनेक्शन के
    अंतर्गत वर्तमान में पम्प के समीप 100 वॉट के भार उपयोग की सुविधा प्रभावशील है। किसानाें के
    व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए आयोग द्वारा 100 वॉट तक लाईट एवं पंखे की स्वीकृति जारी
    रखी गई है।
    निम्नदाब उपभोक्ता
  • 10 किलोवाट भार से अधिक भार के उपभोक्ताआें पर टैरिफ लागू करते हुए ऑफ पीक ऑवर (प्रात: 9 बजे से सांय: 5 बजे तक)
    टैरिफ में 5 प्रतिषत की छूट एवं पीक ऑवर (सांय: 5 बजे से रात्रि 11 बजे तक) टैरिफ में 5
    प्रतिशत का अधिभार लगाया गया है।
  • निम्नदाब श्रेणियाें पर लागू होने वाले न्युनतम बिलिंग डिमाण्ड को 80 प्रतिशत से बढ़ाकर 85
    प्रतिषत किया गया है।
  • आयोग द्वारा निम्नदाब कनेक्षनाें में दिए जा रहे भार की सीमा को 112.5 कि.वॉ.(150 एच.पी.) को
    बढ़ाकर 150 कि.वॉ.(200 एच.पी.) किया गया था। वर्तमान टैरिफ आदेश में पूर्व में 112.5 कि.वॉ.
    (150 एच.पी.) भार तक लागू होने वाले टैरिफ को 150 कि.वॉ.(200 एच.पी.) भार तक लागू किया
    गया है।
  • एेसे निम्नदाब उपभोक्ता जिनकी बिलिंग स्मार्ट मीटर द्वारा प्री.पेड मोड में हो रही है उन्हें ऊर्जा
    प्रभार में 1.5 प्रतिषत की छूट देने का प्रावधान किया गया है।
  • निम्नदाब पर अक्षय ऊर्जा के आेपन एेक्सेस को बढ़ावा देने के लिए वर्तमान टैरिफ आदेष में
    व्हीलिंग चार्ज का निर्धारण करते हुए एेसे आेपन एेक्सेस पर 10 प्रतिशत का व्हीलिंग लास निध्रारित
    किया गया है।
  • पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए इलेक्ट्रीकल व्हीकल चार्जिंग इकाईयाें हेतु
    इलेक्ट्रीकल व्हीकल चार्जिंग की टैरिफ को आैसत विद्युत लागत के बराबर अर्थात् रू.7.02 प्रति
    यूनिट निध्रारित किया गया है।
  • महिला सशक्तिकरण हेतु पंजीकृत महिला स्वसहायता समूहाें द्वारा संचालित उद्योग गतिविधियाें
    आैर व्यवसायिक गतिविधियाें को ऊर्जा प्रभार में 10 प्रतिशत की छूट जारी रखी गई है।
  • राज्य के ग्रामीण क्षेत्राें, बस्तर एवं दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्रधिकरण तथा सरगुजा एवं उत्तर
    क्षेत्र विकास प्राधिकरण में संचालित अस्पताल, नर्सिंग होम एवं डायग्नोस्टिक सेंटर के लिए प्रचलित
    विद्युत दराें के ऊर्जा प्रभार में दी जा रही पांच प्रतिशत की छूट को जारी रखा गया है।
  • स्टेज-5 श्रेणी के अन्तर्गत आने वाले पोहा एवं मुरमुरा मिल को ऊर्जा प्रभार में 5 प्रतिशत की छूट को
    बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है।
  • बायोमॉस ब्रिकेट्स यूनिट को स्ट.5 श्रेणी में सम्मिलित किया गया है।
    उच्चदाब उपभोक्ता
  • पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए इलेक्ट्रीकल व्हीकल चार्जिंग इकाईयाें हेतु
    इलेक्ट्रीकल व्हीकल चार्जिंग की टैरिफ को आैसत विद्युत लागत के बराबर अर्थात् रू.6.32 प्रति
    केव्हीएएच निर्धारित किया गया है।
  • स्टैण्ड अलोन स्टोन क्रशर, मिक्सर एवं स्टोन क्रषर सह.मिक्सर उद्योग को स्टेज-2 से हटाकर स्टेज-3 श्रेणी में सम्मिलित किया गया है।
  • लांगटर्म एवं मिडियम टर्म आेपन एेक्सेस लेने वाले सौर ऊर्जा उत्पादकाें पर नॉर्मल ट्रसमिषन
    चार्जेस का 33 प्रतिषत चार्ज ही लागू होगा।
  • 11 केव्ही एवं 33 केव्ही के कनेक्शनाें को 30 घण्टे पॉवर आफ ऑवर प्रतिमाह को विस्तारित करते
    हुए इसे 132 केव्ही एवं 220 केव्ही पर भी लागू किया गया है।
  • कैप्टिव पॉवर प्लान्ट पर लागू होने वाले पैरेलल ऑपरेषन चार्जेस को 13 पैसे/यूनिट से बढ़ाकर
    15 पैसे/यूनिट कर दिया गया है।
  • रक्षा स्थापना (डिफेंस स्टेब्लिसमेंट) को ऊर्जा प्रभार में 15 प्रतिशत की रियायत जारी रखी गई है।
  • पोहा एवं मुरमुरा मिल को ऊर्जा प्रभार में 5 प्रतिशत की छूट
    को जारी रखा गया है।
  • सभी उच्चदाब स्टील उपभोक्ताआें की विद्युत दराें में 15 पैसे प्रति केव्हीएएच से 30 पैसे प्रति
    केव्हीएएच की वृद्धि की गई है एवं लागू लोड फेक्टर रिबेट में परिवर्तन करते हुए लोड फैक्टर
    रिबेट की अधिकतम सीमा 25 प्रतिशत की गई है।
    इस्पात उद्योगाें को 50 प्रतिशत से 75 प्रतिशत लोड फैक्टर पर लोड फैक्टर रियायत देने का प्रावधान किया गया है।
  • उच्चदाब श्रेणियाें पर लागू होने वाले न्युनतम बिलिंग डिमांड को 80 प्रतिशत से बढ़ाकर 85
    प्रतिशत किया गया है।
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