आयुष मंत्रालय की केंद्रीय टीम ने जिले के विभिन्न चिकित्सालयों की व्यवस्थाओं को देखा

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सुविधाओं की ली जानकारी, मरीजों से लिया गया फीडबैक

दुर्ग आयुष मंत्रालय की केंद्रीय टीम शुक्रवार शुक्रवार को दुर्ग पहुंची। टीम ने आयुष विभाग के अंतर्गत जिले में संचालित विभिन्न चिकित्सालयों का निरीक्षण किया। इस दौरान चिकित्सालय में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी ली और उपचार के लिए पहुंचे मरीजों से फीडबैक भी लिया।

टीम ने विभाग द्वारा संचालित कार्यक्रमों का भी अवलोकन किया। केंद्रीय टीम ने पीआइबी टीम व संचालनालय आयुष रायपुर की टीम के साथ जिले में संचालित करीब आधा दर्जन चिकित्सालयों का निरीक्षण किया। संयुक्त टीम ने आयुष्मान आरोग्य मंदिर भिलाई-तीन, स्पेशलिटी क्लीनिक भिलाई-तीन, आयुष विंग, जिला चिकित्सालय दुर्ग व मोहनलाल बाकलीवाल शासकीय आयुर्वेद चिकित्सालय दुर्ग में आयुष विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों का निरीक्षण किया। इसके अंतर्गत एनसीडी क्लीनिक, पंचकर्म, लाइफ स्टाइल क्लीनिक, ओपीडी व आइपीडी में चलाई जा रही गतिविधियों व दी जा रही सुविधाओं की जानकारी ली। इस दौरान पंचकर्म व अन्य पद्धति से उपचार के लिए पहुंचे मरीजों से फीडबैक लिया गया। जिला आयुष अधिकारी दुर्ग डा अधिकारी दुर्ग डा. दिनेश चंद्रवंशी ने विभाग की गतिविधियों की रूपरेखा प्रस्तुत की। इस मौक पर डा. सुनील दास संयुक्त संचालक आयुष विभाग छग, डा. गजेंद्र बघेल सहायक संचालक आयुष, डा. गदाधर पंडा सीजीएमएससी तकनीकी अधिकारी उपस्थित रहे।

अस्पताल की सुविधाओं के संबंध में जानकारी लेते केंद्रीय टीम के सदस्य।

इन कार्यक्रमों का किया जा रहा संचालन:

निरीक्षण के लिए पहुंचे टीम के सदस्यों को बताया गया कि जिले में आयुष विभाग द्वारा मुख्य रूप से सुप्रजा, मसकुलोस्केलेटल, आयुविद्या, एनसीडी (नान कम्युनिकेबल रोग), लाइफ स्टाइल क्लीनिक व कारुण्य कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। डा. सुनील दास ने आयुष कार्यक्रमों के जानकारी देते हुए बताया कि आयुर्वेद के माध्यम से गर्भिणी मातृ व नवजात देखभाल के लिए सुप्रजा, वृद्धजनों के स्वास्थ्य के लिए वयोमित्र, अशक्त व ऐसे रोगी जो घर से बाहर निकलने में असमर्थ हैं, उनके लिए कारुण्य कार्यक्रम चलाया जा रहा है। मसकुलो स्केलेटल कार्यक्रम में संधिवात्, अर्थराइटिस, जोड़ों के दर्द का निदान व चिकित्सा, एनसीडी क्लीनिक व लाइफ स्टाइल क्लीनिक के अंतर्गत जीवन शैली से होने वाले उच्च रक्तचाप, मधुमेह, कैंसर, पीसीडी, मोटापा आदि रोगों की आयुर्वेद चिकित्सा पथ्य-अपथ्य व योग तथा प्राकृतिक चिकित्सा की जा रही है।

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